इंग्लैंड के अनुभवी हरफनमौला खिलाड़ी मोईन अली ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास का ऐलान किया है. दरअसल, उन्होंने सीमित ओवरों के क्रिकेट में अपने करियर को विस्तार देने के लिए यह फैसला लिया है. मोईन कप्तान जो रूट और मुख्य कोच क्रिस सिल्वरवुड को अपने फैसले से अवगत करा चुके हैं.
34 साल के मोईन ने 64 टेस्ट में 28.29 की औसत से 2914 रन बनाए और 36.66 की औसत से 195 विकेट लिए हैं. वह 2019 एशेज सीरीज के बाद से टेस्ट क्रिकेट नहीं खेले थे, लेकिन भारत के खिलाफ हाल ही में घरेलू सीरीज के लिए उनकी टेस्ट टीम में वापसी हुई.
खबरों के अनुसार लंबे समय तक परिवार से दूर रहने में वह सहज नहीं हैं. उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के एशेज दौरे के लिए इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ECB) से कोरोना प्रोटोकॉल साझा किए जाने से पहले ही मन बना लिया था.
मोईन फिलहाल यूएई में आईपीएल खेल रहे हैं, जिसमें वह महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी वाली चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) का हिस्सा हैं. आईपीएल के 14वें सीजन में मोईन अली ने अब तक 9 मैचों में 29.00 की औसत से 261 रन बनाए हैं और 5 विकेट भी झटके हैं.
वह इंग्लैंड के लिए सीमित ओवरों का क्रिकेट खेलते रहेंगे. भारत के खिलाफ पांचवां टेस्ट कोरोना संक्रमण के कारण रद्द किए जाने से पहले वह 3000 टेस्ट रन और 200 विकेट पूरे करने वाले 15वें टेस्ट क्रिकेटर बनने की दहलीज पर थे.
मोईन अली ने कहा, 'मैं अभी 34 साल का हूं और जितना हो सके खेलना चाहता हूं. मैं सिर्फ अपने क्रिकेट का आनंद लेना चाहता हूं. उन्होंने आगे कहा, 'टेस्ट क्रिकेट अद्भुत है, जब आपका दिन अच्छा होता है तो यह किसी भी अन्य प्रारूप से बेहतर होता है. यह अधिक फायदेमंद होता है और आपको लगता है कि आपने वास्तव में इसे हासिल किया है.'
'मैंने जो कुछ हासिल किया, उससे खुश हूं'
साथ ही उन्होंने कहा ,‘मुझे टेस्ट क्रिकेट की कमी खलेगी. दुनिया की सर्वश्रेष्ठ टीमों के खिलाफ खेलना और गेंदबाजी करते समय नर्वस होना. मुझे पता है कि अपनी सर्वश्रेष्ठ गेंद पर मैं किसी भी बल्लेबाज को आउट कर सकता हूं.’ मोईन ने कहा, ‘मैंने टेस्ट क्रिकेट का पूरा मजा लिया, लेकिन अब लगता है कि काफी खेल लिया. मैंने जो कुछ हासिल किया, उससे मैं खुश हूं.’
उन्होंने अपने सभी कोचों, कप्तानों और परिवार को धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा, ‘मैं पीटर मूर्स और सिल्वरवुड को धन्यवाद देना चाहता हूं. कोच पीटर के कार्यकाल में मैंने टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया. एलेस्टेयर कुक और जो रूट को भी धन्यवाद दूंगा. जिनकी कप्तानी में मैंने खेला. अपने माता-पिता और परिवार को भी धन्यवाद दूंगा जिनकी कुर्बानियों, संयम और सहयोग की वजह से मैं यहां तक पहुंचा.’
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