अनुभवी बल्लेबाज करुण नायर रणजी ट्रॉफी 2025-26 में कमाल का प्रदर्शन कर रहे हैं. करुण ने गोवा के खिलाफ मुकाबले में कर्नाटक के लिए पहली पारी में नाबाद 174 रन बनाए. करुण के प्रथम श्रेणी करियर का ये 25वां शतक रहा. इससे पहले उन्होंने सौराष्ट्र के विरुद्ध 73 रनों की इनिंग्स खेली थी. ये वही करुण हैं, जिन्हें वेस्टइंडीज के खिलाफ दो मैचों की घरेलू टेस्ट सीरीज के लिए भारतीय टीम में जगह नहीं मिली थी. उस सीरीज को शुभमन गिल की अगुवाई वाली टीम इंडिया ने 2-0 से जीता था.
करुण नायर हालांकि इस साल इंग्लैंड दौरे पर भारतीय टीम का हिस्सा बने थे. इंग्लैंड दौरे के जरिए उन्होंने 8 साल बाद इंटरनेशनल क्रिकेट में वापसी की थी. इंग्लैंड में उनका प्रदर्शन औसत रहा, जिसके बाद उनकी भारतीय टीम से दोबारा छुट्टी हो गई. वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट सीरीज के लिए नहीं चुना जाना उनके लिए बड़ा सेटबैक रहा.
इसके साथ ही करुण नायर साउथ अफ्रीका-ए के खिलाफ दो फर्स्ट क्लास मैचों के लिए भी इंडिया-ए टीम में जगह नहीं बना पाए. सीनियर टीम और इंडिया-ए टीम से बाहर होने के बाद करुण नायर के लिए मानो सब कुछ फिर से नया हो चुका है. करुण को अब नए सिरे से शुरुआत करनी पड़ी है, ताकि दोबारा टीम में जगह बनाई जा सकी.
अजीत अगरकर ने क्या कहा था?
टीम इंडिया के चीफ सेलेक्टर अजीत अगरकर ने करुण नायर को लेकर कहा था कि उनसे इंग्लैंड दौरे पर और अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद दी थी. अगरकर ने ये भी कहा था कि वो खिलाड़ियों को 15 से 20 मौके देना चाहते हैं, लेकिन ये हर वक्त मुमकिन नहीं होता. अब करुण ने रणजी मैच में शतकीय पारी खेलने के बाद चीफ सेलेक्टर अगरकर पर निशाना साधा है. करुण टीम इंडिया से बाहर होने पर दर्द भी छलक पड़ा और इसे काफी निराशाजनक बताया.
करुण नायर ने TOI से कहा, 'मैंने अपने लिए कुछ लक्ष्य तय किए हैं, जिनके बारे में ज्यादा बात नहीं करना चाहता. लेकिन मेरा मुख्य लक्ष्य टीम को जीत दिलाना होता है. टीम से बाहर होना बहुत निराशाजनक है, लेकिन मुझे लगता है कि पिछले दो सालों के प्रदर्शन के बाद मैं एक सीरीज से ज्यादा डिजर्व करता था. लोगों की अपनी राय हो सकती है, लेकिन मेरी राय यह है कि मुझे ज्यादा बेहतर ट्रीटमेंट मिलना चाहिए था.' करुण ने साफ कहा कि टीम प्रबंधन के साथ उनकी ज्यादा बातचीत नहीं हुई. करुण ने बताया कि टीम के कुछ खिलाड़ियों ने उनसे बात की और अपनी राय बताई.
करुण नायर कहते हैं, 'मैं हार मानने वालों में से नहीं हैं. मेरा काम रन बनाना है और वही मैं करता रहूंगा. मैं खुद से सिर्फ यही कहता हूं कि मुझे एक सीरीज से ज्यादा मिलना चाहिए था. लेकिन मैं इन बातों को गंभीर रूप से नहीं लेता हूं. मेरा सपना देश के लिए खेलना है. अगर वो नहीं हो पा रहा, तो अगला लक्ष्य ये रहता है कि उस टीम को जिता सकूं जिसके लिए खेल रहा हूं.' पिछले दो घरेलू सीजन में विदर्भ के लिए शानदार प्रदर्शन करने के बाद करुण की भारतीय टीम में वापसी हुई थी. अब, भले ही उन्हें फिर से टीम इंडिया से बाहर होना पड़ा हो, लेकिन उनका हौसला टूटा नहीं है.
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