भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच मौजूदा टेस्ट सीरीज का तीसरा मुकाबला इंदौर में खेला गया था. तीन दिन के भीतर ही खत्म हुए इस मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया ने 9 विकेट से जीत हासिल की. इस जीत के चलते ऑस्ट्रेलियाई टीम ने वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप के फाइनल में जगह बना ली है. वहीं भारतीय टीम का इंतजार थोड़ा बढ़ गया है. अब भारत के पास अब 9 मार्च से शुरू हो रहे अहमदाबाद टेस्ट मैच को जीतकर फाइनल में जगह बनाने का मौका होगा.
इंदौर की पिच को लेकर बवाल जारी
इंदौर टेस्ट मैच तो खत्म हो चुका है, लेकिन पिच को लेकर बवाल और बयानों का दौर जारी है. मुकाबले की समाप्ति के बाद मैच आईसीसी ने इंदौर की पिच को लेकर एक्शन लेते हैं उसे खराब बताया था और मैच रेफरी क्रिस ब्रॉड की रिपोर्ट के आधार पर पिच को तीन डिमेरिट अंक दिए. आईसीसी के इस कड़े फैसले को लेकर टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने नाराजगी जाहिर की थी.
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इंडिया टुडे के साथ बातचीत में गावस्कर ने कहा था, 'नवंबर में गाबा में एक टेस्ट मैच खेला गया था, जो 2 दिनों में समाप्त हो गया था. उस पिच को कितने डिमेरिट अंक मिले और वहां मैच रेफरी कौन था? मुझे लगता है कि 3 डिमेरिट अंक थोड़े कठोर हैं. ये जरूर है कि इस पिच पर गेंद टर्न हुई, लेकिन यह खतरनाक नहीं थी. जब ऑस्ट्रेलिया का स्कोर एक विकेट के नुकसान पर 77 रन हो जाता है तो यह आपको बताता है कि पिच काफी बेहतर हो गई थी.'
टेलर ने इंदौर की पिच को बताया लॉटरी जैसा
सुनील गावस्कर के बयान से ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान मार्क टेलर भड़क गए. टेलर का मानना है कि पिछले साल नवंबर में हुए गाबा टेस्ट के दौरान पिच ने दोनों टीमों को मदद की, लेकिन इंदौर में ऐसा नहीं था. टेलर ने सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड से कहा, 'मुझे लगता है कि उन्हें इस तरह की चीजों पर नजर रखनी होगी क्योंकि लोग इस सीजन में गाबा को देखते हैं. ग्राउंड्समैन ने उस पिच पर बहुत अधिक घास छोड़ी थी, लेकिन यह किसी एक साइड के लिए ज्यादा मददगार नहीं थी. पिच ने ऑस्ट्रेलिया की तरह साउथ अफ्रीकी तेज गेंदबाजों को भी उतना ही सपोर्ट किया.
मार्क टेलर आगे कहते हैं, 'तो मुझे नहीं लगता कि गाबा में पिच को लेकर को खेल हुआ था. इंदौर को लेकर भी मुझे उम्मीद थी कि मैं वहां भी वही बात कह सकता हूं. लेकिन वहां क्या हुआ, पिच इतनी खराब थी कि वास्तव में उसने मैच को लॉटरी बना दिया जो भारत के पक्ष में बिल्कुल नहीं था. इसने ऑस्ट्रेलिया के स्पिन गेंदबाजों को खेल में ला दिया.'
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