भारतीय टी20 टीम के उपकप्तान शुभमन गिल बेंगलुरु के ‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (COE)’ में अपनी गर्दन की चोट से उबरने के बाद दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टी20 इंटरनेशनल सीरीज में वापसी को लेकर पूरी तरह तैयार हैं. गिल ने रिहैबिलिटेशन और अभ्यास के कई सेशन के बाद खुद को “काफी बेहतर” महसूस किया.
सीओई ने गिल को मंगलवार से शुरू हो रही 5 मैचों की सीरीज में खेलने की अनुमति दे दी है. भारत के टेस्ट और वनडे कप्तान ने पिछले महीने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहले टेस्ट में स्वीप शॉट खेलते समय गर्दन में चोट झेली थी, जिसके कारण उन्हें गुवाहाटी में दूसरा टेस्ट और उसके बाद की वनडे सीरीज से बाहर रहना पड़ा था.
गिल ने बीसीसीआई डॉट टीवी से कहा, 'मैं अब काफी बेहतर महसूस कर रहा हूं. जिस दिन मैं सीओई आया था, तब से लेकर आज तक मैंने कौशल विकास और अभ्यास के कई सत्रों में हिस्सा लिया है. अब मुझे लगता है कि मैं पूरी तरह तैयार हूं.'
बीसीसीआई ने गिल के अभ्यास और रिहैबिलिटेशन के कुछ वीडियो भी साझा किए, जिनमें वह स्वीप शॉट का अभ्यास करते दिखाई दे रहे हैं. इस प्रक्रिया की देखरेख स्ट्रेंथ एवं कंडीशनिंग कोच एस रजनीकांत कर रहे थे.
शुभमन गिल ने अपने शुरुआती वर्षों में राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (NCA) में बिताए अनुभवों का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा, “अंडर-14 और अंडर-16 वर्ग में खेलते हुए हर खिलाड़ी एनसीए जाने की होड़ में रहता था. यहां आकर आपको एहसास होता है कि आप सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में से हैं और आपके पास अगले स्तर तक पहुंचने के लिए जरूरी कौशल है. सीओई की सुविधाओं का इस्तेमाल करके आप शारीरिक और मानसिक रूप से बेहतर बन सकते हैं.'
गिल की यह वापसी भारतीय टीम के लिए बहुत अहम है, खासकर आगामी टी20 सीरीज में मजबूत प्रदर्शन के लिए. उपकप्तान के फॉर्म में लौटने से टीम के बल्लेबाजी क्रम को मजबूती मिलेगी और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ मुकाबले में टीम की रणनीति को भी फायदा होगा.
गिल की वापसी से न सिर्फ भारतीय टीम के फैन्स उत्साहित हैं, बल्कि यह उनके व्यक्तिगत करियर के लिए भी एक बड़ी उम्मीद जगाती है कि चोट के बाद वह फिर से शीर्ष स्तर पर खेल सकते हैं.
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