'टीम इंडिया में एक नहीं दो कोच हों...', हरभजन सिंह ने गौतम गंभीर पर उठाए सवाल!

हरभजन सिंह का मानना है कि भारत को टेस्ट और सीमित ओवरों (रेड-बॉल और व्हाइट-बॉल) क्रिकेट के लिए अलग-अलग कोच रखने की संभावना पर विचार करना चाहिए. गौतम गंभीर, जो T20 वर्ल्ड कप 2024 के बाद भारत के मुख्य कोच बने थे उन्होंने ODI और T20I में बेहतरीन नतीजे दिए हैं.

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जसप्रीत बुमराह और गौतम गंभीर. जसप्रीत बुमराह और गौतम गंभीर.

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 19 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 10:05 PM IST

हरभजन सिंह का मानना है कि भारत को टेस्ट और सीमित ओवरों (रेड-बॉल और व्हाइट-बॉल) क्रिकेट के लिए अलग-अलग कोच रखने की संभावना पर विचार करना चाहिए. गौतम गंभीर, जो T20 वर्ल्ड कप 2024 के बाद भारत के मुख्य कोच बने थे उन्होंने ODI और T20I में बेहतरीन नतीजे दिए हैं. उनके मार्गदर्शन में भारत ने चैम्पियंस ट्रॉफी जीती और अब तक उनकी कोचिंग में भारत ने टी20I में कोई सीरीज नहीं हारी है.

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गंभीर ने T20I में अब तक 13 मैच जीते और सिर्फ 2 हारे, जिसमें श्रीलंका, दक्षिण अफ्रीका, बांग्लादेश और इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज जीत शामिल हैं. ODI में उनका रिकॉर्ड 8 जीत, 2 हार और 1 टाई का है (कुल 11 मैचों में). लेकिन रेड-बॉल (टेस्ट) क्रिकेट में उनका रिकॉर्ड उतना प्रभावशाली नहीं रहा.

बांग्लादेश को हराने के बाद भारत को न्यूज़ीलैंड ने घरेलू मैदान पर वाइटवॉश किया, और फिर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 1-3 से हार का सामना करना पड़ा. इंग्लैंड के खिलाफ चल रही टेस्ट सीरीज़ में भी भारत 1-2 से पीछे है, जबकि मैनचेस्टर टेस्ट 23 जुलाई से शुरू होने वाला है.

इसका मतलब यह है कि गंभीर की कोचिंग में भारत ने अब तक 13 टेस्ट में सिर्फ 4 जीते हैं, जबकि 8 हारे हैं और 1 ड्रॉ रहा है.

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रेड-बॉल और व्हाइट-बॉल कोचिंग अलग होनी चाहिए: हरभजन

इंडिया टुडे से खास बातचीत में हरभजन सिंह ने सुझाव दिया कि रेड-बॉल और व्हाइट-बॉल फॉर्मैट के लिए अलग कोच रखना गलत नहीं है, क्योंकि खिलाड़ियों और टीमों की संरचना दोनों प्रारूपों में अलग होती है. भज्जी ने कहा कि मुझे लगता है अगर इसे लागू किया जा सकता है, तो इसमें कोई बुराई नहीं है. आपके पास अलग-अलग खिलाड़ी और टीमें होती हैं हर फॉर्मैट के लिए. अगर ऐसा किया जाए तो यह एक अच्छा विकल्प है. 

कोच को भी चाहिए तैयारी का समय

हरभजन ने यह भी कहा कि किसी भी फॉर्मैट की सीरीज के लिए कोच को भी तैयारी का समय चाहिए. उन्होंने कहा कि जैसे ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पांच टेस्ट, फिर इंग्लैंड दौरा और अन्य दौरे  तो कोच को भी प्लानिंग का वक्त चाहिए कि उसकी टीम कैसी दिखे. यही बात व्हाइट-बॉल कोच पर भी लागू होती है. 

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अब तक भारत ने स्प्लिट कोचिंग नीति को अपनाया नहीं है, हालांकि वीवीएस लक्ष्मण ने हाल के वर्षों में कुछ बड़े दौरों के बाद कार्यवाहक कोच की भूमिका निभाई है.

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