Gautam Gambhir Coach Sanjay Bhardwaj: गौतम गंभीर ने एक बार कमिटमेंट कर दिया, तो फिर... बचपन के कोच का बयान वायरल

पूर्व ओपनर गौतम गंभीर अब भारतीय टीम के हेड कोच बन गए हैं. उन्होंने राहुल द्रविड़ की जगह ली, जिनका कार्यकाल हो चुका है. इसी बीच गंभीर के बचपन के कोच संजय भारद्वाज ने बड़ा बयान दिया है, जो काफी वायरल हो रहा है. भारद्वाज ने कहा कि गंभीर एक बार कोई कमिटमेंट कर देते हैं तो फिर उस पर अडिग रहते हैं. साथ ही वो बगैर कोई पक्षपात किए टीम के हित में ही फैसले लेते हैं.

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भारतीय टीम के हेड कोच गौतम गंभीर. भारतीय टीम के हेड कोच गौतम गंभीर.

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 10 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 9:19 PM IST

Gautam Gambhir childhood Coach Sanjay Bhardwaj: भारतीय टीम के पूर्व ओपनर गौतम गंभीर अब एक पारी खेलने को तैयार हैं. उन्हें राहुल द्रविड़ का कार्यकाल पूरा होने के बाद भारतीय टीम का हेड कोच बनाया गया है. इसी बीच गंभीर के बचपन के कोच संजय भारद्वाज ने बड़ा बयान दिया है, जो काफी वायरल हो रहा है.

भारद्वाज ने कहा कि अगर गंभीर को लगता है कि यह चीज टीम के लिए सही है तो वह अपने फैसले पर अडिग रहेंगे. यानी वो एक बार कोई कमिटमेंट कर देते हैं तो फिर उस पर अडिग रहते हैं. साथ ही वो बगैर कोई पक्षपात किए टीम के हित में ही फैसले लेते हैं.

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'गौती अपने खिलाड़ियों को अच्छी तरह से जानते हैं'

बचपन के कोच संजय भारद्वाज ने पीटीआई से कहा, 'गौतम के पास अपने खिलाड़ियों से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करवाने की योग्यता है. एक शीर्ष कोच का काम यही होता है. गौती अपने खिलाड़ियों को अच्छी तरह से जानते हैं और उनका प्रभावी ढंग से उपयोग करके उनसे सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करवा सकते हैं.'

उन्होंने कहा, 'मेरा मानना है कि कोच के रूप में उनमें भारत को चरम पर ले जाने की क्षमता है. वह बिना किसी पक्षपात के ईमानदारी से काम कर सकते हैं और भारतीय क्रिकेट में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन ला सकते हैं. भारत पिछले 13 वर्ष है (वनडे) विश्व कप नहीं जीत पाया है लेकिन अब इस खिताब को जीतने की पूरी उम्मीद है.'

गंभीर में 10 साल की उम्र से जीत की मानसिकता

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अमित मिश्रा, उन्मुक्त चंद और नितीश राणा जैसे कई खिलाड़ियों को तैयार करने वाले भारद्वाज का मानना है कि गंभीर किसी भी तरह की चुनौती का सामना करने के लिए हर समय तैयार रहते हैं. उन्होंने कहा, 'वह हमेशा चुनौती का सामना करते हुए खेलते हैं. जब वह 10 साल के थे तब से उनमें जीत की मानसिकता है. वह हमेशा जीतने के लिए खेलते थे. उन्होंने कभी नहीं सोचा कि वह कोई मैच हार सकते हैं. उन्हें अपनी क्षमता पर कभी संदेह नहीं रहा. उनमें किसी भी तरह की चुनौती का सामना करने और उसने सफल होने की योग्यता है.'

भारद्वाज ने कहा, 'गंभीर ने विराट कोहली और रोहित शर्मा के साथ क्रिकेट खेली है. एक बार उन्होंने अपना मैन ऑफ द मैच विराट को दे दिया था जिससे पता चलता है कि वह दिल के कितने सच्चे इंसान हैं.उन्होंने मुझे बहुत पहले बता दिया था कि रोहित शर्मा एक दिन स्टार खिलाड़ी बनेगा जो सही साबित हुआ.'

अपने फैसले पर अडिग रहते हैं गौतम गंभीर

भारद्वाज ने कहा, 'अगर गौतम को लगता है कि यह चीज टीम के लिए सही है तो वह अपने फैसले पर अडिग रहेंगे. गौतम जीतने के लिए खेलते हैं. उन्हें पता है कि क्या करना है और एक निश्चित टीम संयोजन बनाने पर ध्यान केंद्रित करते हैं. वह पक्षपात में विश्वास नहीं करते. उन्हें केवल क्रिकेट ही सबसे ज़्यादा पसंद है.'

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