एजबेस्टन में तेज गेंदबाज आकाश दीप बने 'सीरियल किलर'? इंग्लैंड की टीम को तहस-नहस कर डाला

भारतीय तेज गेंदबाज आकाश दीप ने एजबेस्टन टेस्ट में इंग्लैंड की बल्लेबाजी को तहस-नहस कर दिया. उनकी खासियत है स्किड होती सीम गेंदें, जो पिच से तेजी से निकलती हैं और बल्लेबाजों को चौंका देती हैं. हैरी ब्रूक जैसे बल्लेबाज दो बार उनकी गेंदों पर बिखर गए.

Advertisement
Akash Deep celebrates the dismissal of Brydon Carse. (Getty) Akash Deep celebrates the dismissal of Brydon Carse. (Getty)

संदीपन शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 07 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 12:43 PM IST

इंग्लैंड के खिलाफ प्लेइंग इलेवन में मौका मिलते ही आकाश दीप (10/187) बेहद  खतरनाक बनकर उभरे. उन्होंने एजबेस्टन टेस्ट में इंग्लैंड की बल्लेबाजी को तहस-नहस कर डाला. अगर भारतीय तेज गेंदबाज आकाश दीप एक सीरियल किलर होते, तो उनकी पहचान उनकी खास शैली से तुरंत हो जाती. उनकी बेरहम गेंदबाजी बल्लेबाजों को डरावने और विकृत नजारों में तब्दील कर देती है, जिन पर उनके निशान साफ झलकते हैं.

Advertisement

उनके शिकार लगभग एक जैसे गिरते हैं- टांगें फैली हुईं, घुटने झुके हुए, बल्ला ढीली पकड़ में लटका हुआ, कंधे दाएं मुड़े हुए, सिर बाएं गिरा हुआ, आंखें फटी-फटी, मुंह खुला हुआ.. हर तस्वीर उसकी सोच-समझ कर की गई तबाही की निशानी हैं.

एजबेस्टन में हैरी ब्रूक का दो बार शिकार होना आकाश दीप की ताकत का बेहतरीन उदाहरण है. दोनों बार ब्रूक जैसे नाजुक टहनी की तरह टूट गए, उनके घुटने झुक गए, कंधे नीचे हो गए... और बल्ला बेकार में लटक गया.

यह तबाही आकाश दीप की तेज और फिसलती सीम गेंदों (skiddy seamers) से हुई, जो उनका खास हथियार है. दोनों पारियों में उन्होंने गेंद को पिच पर थोड़ा पीछे छोड़कर तेजी से निकलवाई.आकाश की इन 'मिसाइल गेंदों' का समय रहते जवाब न दे पाने के कारण ब्रूक हवा में ही टूट गए.

Advertisement


ब्रूक अकेले नहीं थे. पूरे टेस्ट में आकाश दीप ने इंग्लैंड के बल्लेबाजों को ऐसे लड़खड़ाते देखा जैसे फिसलन वाली जगह पर गिर रहे हों... हाथ-पांव फैला रहे थे और बेकार लग रहे थे. आकाश दीप ने ये सब कैसे किया?

तेज गेंदबाजी एक तरह का विज्ञान है, खासकर हवा और गति का. जब गेंदबाज गेंद फेंकता है, तो वह गति के नियमों का पालन करते हुए गोली या गुलेल की तरह उड़ती है. सभी तेज गेंदबाज इन नियमों का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन हर किसी की गेंदबाज का तरीका अलग होता है.

आकाश दीप की खासियत है कि उनकी गेंद पिच पर टप्पा खाने के बाद तेजी से फिसलती है और नीची रहती है, जिससे बल्लेबाज चौंक जाता है. उनकी गेंदें कभी दाईं, तो कभी बाईं ओर मुड़ती हैं, जिससे उन्हें समझना मुश्किल होता है. इसी वजह से बल्लेबाज या तो बोल्ड हो जाते हैं या एलबीडब्ल्य. घरेलू क्रिकेट में उनके आधे विकेट ऐसे ही मिले हैं, जो दिखाता है कि उन्हें स्टंप उखाड़ने या बल्लेबाज को सामने फंसाने में महारत हासिल है.

आकाश दीप का हाई आर्म एक्शन गेंद को फिसलाने में मदद करता है. उनकी गेंद ऊपर से सीधी नीचे आती है,जिससे उसमें आगे की बजाय नीचे की गति ज्यादा होती है और पिच से कम रुकावट मिलती है. सीधी सीम स्किड प्रभाव को और बढ़ाती है, जिससे गेंद तेजी से आगे बढ़ती है, जैसे कि वह स्केट्स पर हो.

Advertisement

अपनी गेंदबाज़ी से पूरा असर निकालने के लिए आकाश दीप एक जैसी लाइन और लेंथ बनाए रखते हैं. एजबेस्टन में उनकी गेंदबाजी के बाद विशेषज्ञों ने भी कहा कि वो सीधे स्टंप्स पर अटैक करते हैं, जिससे बल्लेबाज बोल्ड या एलबीडब्ल्यू हो जाता है. उनकी लगभग 70% गेंदें गुड लेंथ से थोड़ी छोटी होती हैं (स्टंप से 6-8 मीटर की दूरी पर), जिससे गेंद तेजी से और स्टंप की ऊंचाई पर आती है.

दिलचस्प बात यह है कि गेंद का फिसलना और सीधी सीम (यानी गेंद की सिलाई) एक और महान भारतीय तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी की पहचान रही है. और आकाश दीप अब शमी की तरह ही एक गेंदबाज लगते हैं. मजेदार बात यह है कि एजबेस्टन की पिच बनाने वाले क्यूरेटर ने अनजाने में आकाश दीप को एक घातक गेंदबाज बनने में मदद की.

इंग्लैंड की टीम अपनी बैजबॉल नीति के तहत निडर बल्लेबाजी के साथ टेस्ट क्रिकेट पर हावी होना चाहती है. चूंकि वह बल्ले को अपनी सबसे मजबूत ताकत के रूप में इस्तेमाल करना चाहती है, इसलिए पिचों को इस तरह से तैयार किया जाता है कि वे कम से कम घिसें, खासकर भारत जैसी टीमों के खिलाफ जो स्पिन पर निर्भर हैं.

क्योंकि पिचें खराब या खुरदरी नहीं होती हैं, इसलिए मैच के अंत तक ये बिल्कुल हाईवे जैसी चिकनी बनी रहती हैं. ऐसी सख्त पिचें उन गेंदबाजों के लिए फायदेमंद होती हैं जो गेंद स्किड करवा सकते हैं, क्योंकि सतह से प्रतिरोध न्यूनतम होता है.

Advertisement

एजबेस्टन में इंग्लैंड अपने ही जाल में फंस गया, क्योंकि उन्होंने एक 'पाटा पिच' तैयार की- एक सपाट, चिकनी और बल्लेबाजों के लिए आसान पिच, जो भारतीय पिच जैसी लग रही थी. आकाश दीप (और मोहम्मद सिराज) ने इस पिच का पूरा फायदा उठाया, अपनी फिसलती हुई गेंदों से. दूसरी तरफ, इंग्लिश गेंदबाज सतह पर उछाल और मूवमेंट लाने की कोशिश करते रहे, लेकिन जैसे-जैसे गेंद पुरानी हुई और बादल हटे, उनका असर खत्म होता गया.

लेकिन स्किड (फिसलती हुई गेंद) ही आकाश दीप का एकमात्र हथियार नहीं है. जो रूट को आउट करने में उन्होंने अपनी समझदारी दिखाई. आकाश दीप क्रीज से थोड़ा बाहर गए, एंगल बनाया और गेंद ने आखिरी पल में बाहर की तरफ मुड़कर गिल्लियां गिरा दीं- एक ऐसी गेंद जिसमें विज्ञान, सटीकता और जादू तीनों थे.

लेकिन ये सब कुछ मुमकिन नहीं होता अगर आकाश दीप उस पुराने कहावत का जीता-जागता उदाहरण न होते- 'जिसके पास खोने को कुछ नहीं होता, वही सबसे खतरनाक होता है.' 23 साल की उम्र में आकाश दीप को क्रिकेट से ब्रेक लेना पड़ा क्योंकि उनके पिता पैरालिसिस का शिकार हो गए थे और उन्हें देखभाल की जरूरत थी. कुछ साल बाद उन्होंने अपने पिता और बड़े भाई, दोनों को खो दिया.

Advertisement

2024 में जब उन्होंने रांची में इंग्लैंड के खिलाफ भारत के लिए डेब्यू किया, तो आकाश दीप ने अपनी फिसलती और सीम मूवमेंट वाली गेंदों से तूफान मचा दिया और जल्दी ही तीन विकेट झटके. बाद में उन्होंने मीडिया से कहा, 'मैं बिल्कुल नहीं डरा. जब इतना कुछ खो दिया है, तो खोने को कुछ बचा ही नहीं.'

आकाश दीप की मानसिक मजबूती दुखों और कठिनाइयों से बनी है, और अब उनकी बहन की बीमारी ने जैसे उन्हें और परखने की ठान ली है. एजबेस्टन में उन्हें फिर से यह एहसास हुआ कि उनके पास खोने को कुछ नहीं है और इसी ने उनके इरादों को और मजबूत कर दिया.

वे पहले से ही टीम के चौथे विकल्प के गेंदबाज थे और उन्हें इसलिए मौका मिला क्योंकि जसप्रीत बुमराह को आराम दिया गया था. ये जानते हुए कि मौके कम हैं, आकाश दीप ने बिना डरे, पूरे जुनून के साथ गेंदबाजी की जैसे अपनी आखिरी सांस तक सब कुछ दांव पर लगा दिया हो.

एजबेस्टन में आकाश दीप की शानदार गेंदबाजी ने उनकी कहानी ही बदल दी. एक चौथे विकल्प के गेंदबाज से वह अब टीम के लिए जरूरी हथियार बन गए हैं. उनकी फिसलती हुई सीम गेंदें, लगातार सटीक लाइन-लेंथ और निडर रवैया... इन तीनों ने न सिर्फ इंग्लैंड के बल्लेबाजों को ढेर किया, बल्कि उनकी बनाई सारी रणनीतियों को भी तोड़ दिया.

Advertisement

अब लॉर्ड्स में इंग्लैंड के सामने मुश्किल है. अगर वे फिर से सपाट पिच बनाएंगे तो आकाश दीप की मिसाइलें कहर बरपाएंगी और अगर उछाल वाली पिच देंगे, तो बुमराह की तबाही तय है. सिराज के साथ मिलकर तेज गेंदबाजो की यह ‘त्रिमूर्ति’ ने भारत को बड़े सपने दिखाए हैं.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement