क्रिकेट में अंपायरिंग के स्तर को बढ़ाने के लिए भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (BCCI) काफी कदम उठा रही है. हाल ही में अहमदाबाद में अंपायरों के लिए लेवल-दो परीक्षा आयोजित किया गया था. इस परीक्षा का स्टैंडर्ड इतना हाई था कि 140 परीक्षार्थियों में से महज तीन ही इस परीक्षा को पास कर सके. बाकी 137 अभ्यर्थियों को निराश लौटना पड़ा.
बीसीसीआई द्वारा आयोजित इस परीक्षा में कुल मिलाकर 37 सवाल पूछे गए थे जो काफी मुश्किल और दिमागी रूप से उलझन पैदा करने वाले रहे. इन सवालों को देखकर परीक्षा में बैठे अभ्यर्थियों के भी सर चकरा गए होंगे. आइए जानते हैं इस परीक्षा में पूछे गए ऐसे ही कुछ कठिन सवाल एवं उसके उत्तर-
1. अगर पवेलियन, पेड़ या फील्डर्स की परछाई पिच पर पड़ने लगे और ऐसे में बल्लेबाज शिकायत करे तो आप क्या फैसला करेंगे?
उत्तर- पवेलियन या पेड़ की परछाई का संज्ञान नहीं लिया जा सकता है. हां फील्डर को स्थिर रहने के लिए कहा जा सकता है, नहीं तो अंपायर को डेड बॉल घोषित करने का आधिकार है.
2. आपको लगता है कि गेंदबाज की अंगुलियों में सचमुच चोट लगी है और अगर वह पट्टी हटाता है तो खून निकलने की आशंका है. इसके बाद भी क्या आप गेंदबाज को टेप हटाकर बॉलिंग करने के लिए कहेंगे?
उत्तर- अगर गेंदबाज को बॉलिग करनी है तो टेप हटाना जरुरी है.
3. एक लीगल डिलीवरी पर बैटर ने शॉट खेला और बॉल शॉर्ट लेग फील्डर के हेलमेट में अटक गई. बॉल की वजह से हेलमेट गिर गया लेकिन बॉल के जमीन पर गिरने से पहले फील्डर ने उसे कैच कर लिया. क्या बल्लेबाज को कैच आउट दिया जाएगा?
उत्तर- नॉट आउट दिया जाएगा.
कुल 200 अंकों की थी परीक्षा
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक 200 अंकों की इस परीक्षा के लिए कट ऑफ मार्क्स 90 अंक रखा गया था. 200 अंकों में 100 अंक लिखित परीक्षा, 35 अंक मौखिक एवं विडियो जबकि 30 अंक फिजिकल टेस्ट के थे. वीडियो टेस्ट में मैच के फुटेज और विशिष्ट परिस्थितियों से जुड़े सवाल किए गए. अधिकांश लोगों ने प्रैक्टिकल में अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन लिखित परीक्षा उनके लिए काफी मुश्किलों भरा रहा.
बोर्ड के एक अधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, 'परीक्षा मुश्किल थी लेकिन हम गुणवत्ता के साथ कोई समझौता नहीं करना चाहते हैं. अगर आप इंटरनेशनल और नेशनल मैचों में अंपायरिंग करना चाहते हैं तो गलती की कोई गुंजाइश नहीं हो सकती है. खेल की समझ और नियमों का ज्ञान होना जरूरी है.'
आईपीएल में उठे थे अंपायरिंग पर सवाल
आईपीएल 2022 में अंपायरिंग का स्तर काफी खराब रहा था. टूर्नामेंट के दौरान अंपायर्स द्वारा कई गलत फैसले दिए गए जिसके चलते बीसीसीआई को आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था. उदाहरण के लिए रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु और मुंबई इंडियंस के मैच के दौरान डेवाल्ड ब्रेविस की एक गेंद विराट के बैट और पैड पर एक साथ लगी, जिसके बाद अंपायर ने उन्हें आउट दे दिया, विराट ने डीआरएस भी लिया लेकिन थर्ड अंपायर भी फील्ड अंपायर के फैसले के साथ खड़े थे. उस फैसले से विराट भी काफी खफा दिखाई दिए थे.
पांच ग्रेड में बटे हैं अंपायर्स
अंपायर बनने के लिए बीसीसीआई द्वारा विभिन्न चरणों में लेवल-1 और लेवल-2 परीक्षाओं का आयोजन किया जाता है. अंपायर के लिए आवेदन करने वालों के लिए यह जरूरी नहीं है कि आवेदक ने प्रतिस्पर्धी क्रिकेट खेला, अगर किसी ने पहले क्रिकेट खेला हो तो यह एक अतिरिक्त योग्यता माना जायेगा. बीसीसीआई ने अंपायरों को पांच ग्रेड में बांटा हुआ है. ए-प्लस और ए वर्ग के अंपायरों को प्रथम श्रेणी मैच के लिये प्रत्येक दिन 40,000 रुपये, जबकि बी, सी और डी वर्ग के अंपायर्स को प्रत्येक दिन 30,000 रुपये दिए जाते हैं.
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