महाराष्ट्र में महायुति को रोकने के लिए ठाकरे भाई हर संभव कोशिश कर रहे हैं. बीएमसी चुनाव से पहले मराठी अस्मिता का मुद्दा चर्चा में रहेगा. इस बीच, उद्धव और राज ठाकरे एक साथ आए हैं और दोनों का दावा है कि ठाकरे ब्रांड का प्रभाव चुनाव में जरूर दिखेगा.