टीका टिप्पणी करना कई बार अनावश्यक हो सकता है, इसलिए थोड़ा आत्मचिंतन करना आवश्यक है कि कहां गलतियां हुईं. यह गलतियां सीट वितरण में हो सकती हैं या एक साझा अभियान तय करने में. इसके अलावा, आम समस्याएं जनता के सामने रखने और उनकी बात सुनने में भी त्रुटियां हो सकती हैं.