सावन मास की शुरुआत होते ही कांवड़ यात्रा शुरू हो गई है. दिल्ली के नजफगढ़ में कांवड़ यात्रा में एक पिता वर्षों तक अपनी मां को अपनी कांवड़ में बैठाकर यात्रा करते थे. जिसकी राह पर अब उनके दो बेटे भी चल निकले हैं. ये दोनों बेटे अब अपने पिता के दिखाएं रास्ते पर चलकर मां को कांवड़ में बैठाकर अपने कंधों से उठाकर हरिद्वार से दिल्ली तक कांवड़ यात्रा कर रहे हैं.