पुरुष क्यों होते हैं महिलाओं से लंबे? वैज्ञानिकों ने खोजा रहस्य

पुरुष महिलाओं से लंबे होते हैं. वैज्ञानिकों ने इस अंतर के पीछे प्रमुख कारण खोज निकाला है. वैज्ञानिकों ने जीन के जरिए पुरुषों और महिलाओं की ऊंचाई में अंतर का एक बड़ा रहस्य सुलझाया है. यह खोज न केवल यह बताती है कि पुरुष क्यों लंबे होते हैं, बल्कि लिंग-आधारित बीमारियों और शारीरिक विशेषताओं को समझने में भी मदद करेगी.

Advertisement
पुरुष आमतौर पर महिलाओं से लंबे होते है, जिसकी वजह एक खास जीन है. (फाइल फोटोः Unsplash/Pixabay) पुरुष आमतौर पर महिलाओं से लंबे होते है, जिसकी वजह एक खास जीन है. (फाइल फोटोः Unsplash/Pixabay)

आजतक साइंस डेस्क

  • नई दिल्ली,
  • 27 मई 2025,
  • अपडेटेड 7:57 PM IST

दुनियाभर में पुरुष आमतौर पर महिलाओं से लंबे होते हैं. अब वैज्ञानिकों ने इस शारीरिक अंतर के पीछे एक प्रमुख जेनेटिक कारण खोज निकाला है. पेनसिल्वेनिया के गीसिंगर कॉलेज ऑफ हेल्थ साइंसेज की एक टीम ने तीन बड़े स्वास्थ्य डेटाबेस का अध्ययन कर पाया कि SHOX (शॉर्ट-स्टैचर होमोबॉक्स) जीन पुरुषों और महिलाओं की ऊंचाई में अंतर का एक बड़ा कारण है. यह खोज न केवल ऊंचाई के रहस्य को सुलझाती है, बल्कि भविष्य में लिंग-आधारित बीमारियों को समझने में भी मदद कर सकती है. 

Advertisement

यह भी पढ़ें: Apple Farming in Kashmir: तकनीक से आई बागानों में बहार, कई गुना बढ़ गई सेब की पैदावार

  • पुरुषों की ऊंचाई का रहस्य: वैज्ञानिकों ने पाया कि SHOX जीन पुरुषों की महिलाओं से अधिक ऊंचाई का एक प्रमुख कारण है.
  • Y और X क्रोमोसोम: Y क्रोमोसोम पर SHOX जीन ज्यादा सक्रिय होता है, जिससे पुरुषों को औसतन 3.1 सेमी अतिरिक्त ऊंचाई मिलती है.
  • अध्ययन: पेनसिल्वेनिया के गीसिंगर कॉलेज ऑफ हेल्थ साइंसेज ने तीन बड़े डेटाबेस से 1,225 लोगों के डेटा का विश्लेषण किया.
  • ऊंचाई का अंतर: SHOX जीन पुरुषों और महिलाओं के बीच औसत ऊंचाई के अंतर का 22.6% हिस्सा बताता है.
  • भविष्य की संभावनाएं: यह खोज लिंग-आधारित बीमारियों और शारीरिक अंतरों को समझने में मदद कर सकती है.

SHOX जीन क्या है?

SHOX जीन X और Y क्रोमोसोम दोनों पर पाया जाता है. पुरुषों में एक X और एक Y क्रोमोसोम होता है, जबकि महिलाओं में दो X क्रोमोसोम होते हैं. लेकिन महिलाओं में एक X क्रोमोसोम (जिसे निष्क्रिय X क्रोमोसोम या Xi कहते हैं) कम सक्रिय होता है, ताकि जीन की अधिकता से जटिलताएं न हों. इस अध्ययन में पाया गया कि...

Advertisement

यह भी पढ़ें: हवा से 36, जमीन से 126 और समंदर से दगने वाले 8 परमाणु हथियार हैं PAK के पास... पूरी दुनिया के लिए खतरा

Y क्रोमोसोम पर SHOX जीन ज्यादा सक्रिय होता है, जिससे पुरुषों को औसतन 3.1 सेमी (1.2 इंच) अतिरिक्त ऊंचाई मिलती है. निष्क्रिय X क्रोमोसोम पर SHOX जीन की कम सक्रियता के कारण महिलाओं की ऊंचाई कम रहती है.

अध्ययन कैसे हुआ?

वैज्ञानिकों ने यूके और अमेरिका के तीन बड़े स्वास्थ्य डेटाबेस से 1,225 लोगों के डेटा का विश्लेषण किया, जिनके पास असामान्य क्रोमोसोम संयोजन थे. इन डेटा को ऊंचाई के साथ जोड़ा गया, जिससे पता चला कि SHOX जीन का प्रभाव पुरुषों में ज्यादा होता है.

अध्ययन के प्रमुख निष्कर्ष...

  • पुरुषों और महिलाओं के बीच औसत ऊंचाई का अंतर 12.85 से 13.72 सेमी है.
  • SHOX जीन इस अंतर का 22.6% हिस्सा बताता है.
  • बाकी अंतर हार्मोन (जैसे टेस्टोस्टेरोन) और पर्यावरणीय कारक (जैसे देश की आर्थिक स्थिति) से आता है.

यह भी पढ़ें: भारत के पहले स्वदेशी स्टील्थ फाइटर जेट AMCA का रास्ता साफ, जानें खासियत

ऊंचाई में अंतर के अन्य कारण

ऊंचाई केवल जेनेटिक्स पर निर्भर नहीं है. कुछ अन्य कारक भी हैं...

आनुवंशिकी: लंबे माता-पिता के बच्चे आमतौर पर लंबे होते हैं.

हार्मोन: पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन की मात्रा ज्यादा होती है, जो ऊंचाई बढ़ाने में मदद करता है.

Advertisement

पर्यावरण: पोषण, स्वास्थ्य सेवाएं और देश की आर्थिक स्थिति भी ऊंचाई को प्रभावित करती हैं.

इस खोज का महत्व

यह अध्ययन सिर्फ ऊंचाई के अंतर को समझने तक सीमित नहीं है. इसके कई दूरगामी प्रभाव हो सकते हैं...

  • लिंग-आधारित बीमारियां: जैसे अल्जाइमर, जो महिलाओं में ज्यादा आम है. इस तरह के जेनेटिक अध्ययन से ऐसी बीमारियों के कारण समझने में मदद मिल सकती है.
  • हृदय और न्यूरोलॉजिकल रोग: पुरुषों और महिलाओं में हृदय रोग और मानसिक विकारों के अंतर को समझने में यह उपयोगी हो सकता है.
  • जेनेटिक्स बनाम हार्मोन: यह खोज जेनेटिक और हार्मोनल प्रभावों को अलग करने में मदद करेगी, जिससे चिकित्सा अनुसंधान को नई दिशा मिलेगी.

वैज्ञानिकों का दावा

शोधकर्ताओं का कहना है कि Y क्रोमोसोम पर SHOX जीन की ज्यादा सक्रियता और निष्क्रिय X क्रोमोसोम पर इसकी कम सक्रियता पुरुषों और महिलाओं की ऊंचाई में अंतर का प्रमुख कारण है. यह मानव शरीर की लिंग-आधारित विशेषताओं को समझने में एक बड़ा कदम है.

भविष्य की संभावनाएं

चिकित्सा अनुसंधान: लिंग-आधारित शारीरिक और मानसिक बीमारियों के कारणों को समझने में.

जेनेटिक अध्ययन: अन्य शारीरिक विशेषताओं (जैसे वजन, ताकत) में लिंग अंतर को समझने में.

स्वास्थ्य नीतियां: ऊंचाई और स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों पर बेहतर नीतियां बनाने में.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement