फ्रेंच फ्राइज के लिए केचप को थैंक्स क्यों... पहले क्या आया- टमाटर या आलू

पहले आलू आया या टमाटर. करीब 90 लाख साल पुरानी कहानी है. जब टमाटर जैसे पौधे और एक अन्य पौधे का हाइब्रिडाइजेशन हुआ. यानी मिलाए गए. इससे आलू को जमीन के नीचे उगाने के कंद मिले. दो पौधों के जीन ने मिलकर आलू को कठिन हालात में जीने की ताकत दी. अगली बार आलूं खाएं तो टमाटर को थैंक्स जरूर बोलें.

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पूरी दुनिया में सबसे पहले कौन आया टमाटर या आलू. (Photo: Getty) पूरी दुनिया में सबसे पहले कौन आया टमाटर या आलू. (Photo: Getty)

ऋचीक मिश्रा

  • नई दिल्ली,
  • 31 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 11:45 AM IST

जब देखो तब लोग आलू के साथ मिलाकर सब्जी बना देते हैं. जैसे उसकी कोई पहचान न हो. असल में यही उसकी पहचान है. उबाल के खा लो. चोखा बनाकर खा लो या सब्जी. लेकिन क्या ये पता है आपको कि आलू पहले आया या टमाटर. वैसे तो आलू, टमाटर का ही बेटा है लेकिन कहानी बहुत इंट्रेस्टिंग है. 

एक नए वैज्ञानिक अध्ययन से पता चला है कि करीब 90 लाख साल पहले टमाटर जैसे पौधे और एक अन्य प्राचीन पौधे के बीच हाइब्रिडाइजेशन हुआ था, जिससे आलू की उत्पत्ति हुई. इस हाइब्रिड ने आलू को कंद (ट्यूबर) बनाने की क्षमता दी, जो आज हम खाते हैं.

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यह रोचक खोज जर्नल सेल में हाल ही में प्रकाशित हुई है. अध्ययन के प्रमुख शोधकर्ता चाइनीज एकेडमी ऑफ एग्रीकल्चरल साइंसेज के जीनोम बायोलॉजिस्ट संवेन हुआंग ने कहा कि टमाटर आलू की मां है. इस प्राचीन हाइब्रिड ने आलू को नई जगहों और कठिन जलवायु में फैलने की ताकत दी.

आलू की उत्पत्ति का रहस्य कैसे सुलझा?

आलू (सोलैनम ट्यूबरोसम) दुनिया की महत्वपूर्ण फसलों में से एक है. एंडीज पर्वतों में हजारों तरह के जंगली और घरेलू आलू उगते हैं – अलग-अलग रंग, आकार और स्वाद वाले. लेकिन आलू के कंद कैसे बने, यह एक बड़ा रहस्य था.

पहले के अध्ययनों से पता था कि टमाटर आलू का सबसे करीबी जीवित रिश्तेदार है. एक अन्य समूह एट्यूबरोसम (Etuberosum) के पौधे आलू जैसे दिखते हैं, लेकिन उनमें कंद नहीं बनते. शोधकर्ताओं ने इस रहस्य को सुलझाने के लिए 44 जंगली आलू प्रजातियों, तीन एट्यूबरोसम प्रजातियों और 15 जंगली टमाटर प्रजातियों के जीनोम की सीक्वेंसिंग की. यह अब तक का सबसे बड़ा ऐसा अध्ययन है.

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पता चला कि सभी आलू प्रजातियों के जीनोम में टमाटर और एट्यूबरोसम दोनों के जीन का मिश्रण है. यह प्राचीन हाइब्रिड का संकेत है. टमाटर और एट्यूबरोसम के पूर्वज करीब 1.3-1.4 करोड़ साल पहले अलग हुए थे. फिर भी, 80-90 लाख साल पहले इनके बीच हाइब्रिड हुआ, जिससे आलू की नई वंशावली बनी.

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कंद बनाने में टमाटर का योगदान

  • कंद वह भूमिगत भाग है जो पोषक तत्व स्टोर करता है. यह आलू को कठिन मौसम में जीवित रहने और बिना बीज के प्रजनन करने में मदद करता है.
  • टमाटर से आया जीन SP6A: यह कंद बनाने का मुख्य स्विच है, जो पौधे को बताता है कि कंद बनाना कब शुरू करना है.
  • एट्यूबरोसम से आया जीन IT1: यह भूमिगत तनों की ग्रोथ को नियंत्रित करता है, जो कंद में बदल जाते हैं.

इन दोनों जीनों के मिलने से ही कंद बन सके. हाइब्रिड करने से आलू को ज्यादा जेनेटिक ताकत मिली, जिससे यह तेजी से नई प्रजातियों में विकसित हुआ. हाइब्रिड के बाद आलू की प्रजातियां टमाटर से 20% और एट्यूबरोसम से 36% तेजी से बढ़ीं. एंडीज पर्वतों के तेजी से ऊंचे होने के समय यह हाइब्रिडाइजेशन हुआ, जिसने आलू को नए पर्यावरण में फैलने में मदद की.

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विशेषज्ञ क्या कहते हैं?

यूनिवर्सिटी ऑफ अर्कांसास के इवोल्यूशनरी बायोलॉजिस्ट जेरेमी ब्यूलियू ने इसे 'पौधों में प्रमुख इनोवेशन पर सबसे पूर्ण अध्ययनों में से एक' बताया. कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि हाइब्रिड ने कंद जरूर बनाए, लेकिन विविधता बढ़ाने में इसका पूरा योगदान अभी सवालों के घेरे में है.

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भविष्य के लिए क्या मतलब?

संवेन हुआंग का कहना है कि यह खोज नई आलू की किस्में बनाने में मदद करेगी, खासकर बीज से उगने वाली. वैज्ञानिक टमाटर में आलू के जीन डालकर टमाटर को कंद उगाने वाला बना सकते हैं. यह विकास की पुरानी प्रक्रिया को दोहराएगा. अगली बार जब आप आलू खाएं – चाहे उबले, तले या फ्रेंच फ्राइज़ – तो टमाटर को धन्यवाद कहना न भूलें.

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