मंगल से धरती पर आए सबसे बड़े उल्कापिंड की होगी नीलामी... 34 करोड़ है कीमत

मंगल ग्रह का सबसे बड़ा उल्कापिंड NWA 16788, जिसका वजन 24.5 किलो है, न्यूयॉर्क में सोथबीज की नीलामी में बिकेगा. इसकी कीमत 15-30 करोड़ रुपये तक हो सकती है. यह सहारा रेगिस्तान में मिला था. मंगल की मिट्टी से बना है. 16 जुलाई को होने वाली नीलामी में इसे क्रिप्टोकरेंसी से भी खरीदा जा सकता है.

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ये है मंगल का सबसे बड़ा पत्थर जिसकी नीलामी होने जा रही है. (सभी फोटोः रॉयटर्स) ये है मंगल का सबसे बड़ा पत्थर जिसकी नीलामी होने जा रही है. (सभी फोटोः रॉयटर्स)

आजतक साइंस डेस्क

  • नई दिल्ली,
  • 09 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 3:32 PM IST

न्यूयॉर्क में सदी की सबसे अनोखी नीलामी होने वाली है. दुनिया की मशहूर नीलामी कंपनी सोथबीज (Sotheby’s) मंगल ग्रह के सबसे बड़े उल्कापिंड NWA 16788 को बेचने जा रही है. यह उल्कापिंड 24.5 किलोग्राम (54 पाउंड) का है. इसकी कीमत 2 मिलियन से 4 मिलियन डॉलर (लगभग 15 से 34 करोड़ रुपये) तक हो सकती है. यह नीलामी 16 जुलाई 2025 को न्यूयॉर्क में होगी.

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क्या है NWA 16788?

NWA 16788 एक उल्कापिंड है, जो मंगल ग्रह (Mars) से आया है. इसे नवंबर 2023 में अफ्रीका के नाइजर देश के अगादेज़ इलाके में सहारा रेगिस्तान में एक शिकारी ने खोजा था. यह पत्थर इतना खास है क्योंकि यह पृथ्वी पर मिला मंगल ग्रह का सबसे बड़ा टुकड़ा है. इसका वजन 24.67 किलोग्राम है, जो पहले के रिकॉर्ड धारक उल्कापिंड (Taoudenni 002, 14.51 किलोग्राम) से 70% ज्यादा है.

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कितना दुर्लभ है?

पृथ्वी पर अब तक 77,000 से ज्यादा उल्कापिंड मिले हैं, लेकिन इनमें से केवल 400 ही मंगल ग्रह के हैं. NWA 16788 इन 400 उल्कापिंडों का 6.5% हिस्सा है, यानी यह बहुत ही दुर्लभ है.

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कैसे बना?

वैज्ञानिकों का मानना है कि लाखों साल पहले मंगल ग्रह पर एक बड़ा उल्कापात (एस्टरॉयड हिट) हुआ था. इस टक्कर से मंगल का यह टुकड़ा अंतरिक्ष में उछल गया. करोड़ों किलोमीटर की यात्रा करके पृथ्वी पर आ गिरा.

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खासियत

इस उल्कापिंड का रंग लाल-भूरा है, जो मंगल ग्रह की मिट्टी जैसा दिखता है. इसमें कुछ हिस्सों में कांच जैसी परत है, जो अंतरिक्ष में तेज़ गति से पृथ्वी के वायुमंडल में घुसने से बनी. इसका 21.2% हिस्सा मास्केलिनाइट (एक तरह का कांच), पाइरोक्सीन और ओलिवाइन जैसे खनिजों से बना है.

कैसे साबित हुआ कि यह मंगल का टुकड़ा है?

इस उल्कापिंड का एक छोटा टुकड़ा शंघाई एस्ट्रोनॉमी म्यूजियम में जांच के लिए भेजा गया. वहां वैज्ञानिकों ने इसकी बनावट और खनिजों की जांच की और पक्का किया कि यह मंगल ग्रह से आया है. इसे जून 2024 में मेटियोराइटिकल सोसाइटी ने भी मंजूरी दी. इसकी सतह पर बहुत कम जंग या खराबी है, जिसका मतलब है कि यह पृथ्वी पर हाल ही में गिरा होगा.

नीलामी की खास बातें

सोथबीज की यह नीलामी 'गीक वीक' का हिस्सा है, जिसमें अंतरिक्ष और विज्ञान से जुड़ी अनोखी चीजें बेची जाती हैं. NWA 16788 को 8 से 15 जुलाई तक न्यूयॉर्क में सोथबीज के शोरूम में प्रदर्शित किया जाएगा, ताकि लोग इसे देख सकें. नीलामी 16 जुलाई को दोपहर 2 बजे (UTC) शुरू होगी.

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  • कीमत: विशेषज्ञों का अनुमान है कि यह उल्कापिंड 2 से 4 मिलियन डॉलर में बिक सकता है. 7 जुलाई तक इसकी बोली 1.6 मिलियन डॉलर तक पहुंच चुकी थी.
  • क्रिप्टोकरेंसी में भुगतान: सोथबीज इस नीलामी में बिटकॉइन, ईथरियम और USDC जैसी क्रिप्टोकरेंसी में भी भुगतान स्वीकार कर रहा है.
  • महत्व: सोथबीज के साइंस और नेचुरल हिस्ट्री के उपाध्यक्ष कैसेंड्रा हट्टन ने इसे "एक पीढ़ी में एक बार मिलने वाला खजाना" बताया. उन्होंने कहा कि यह मंगल ग्रह से सीधा जुड़ा एक अनोखा टुकड़ा है.

क्यों है यह इतना खास?

वैज्ञानिक महत्व: NWA 16788 मंगल ग्रह की बनावट और इतिहास को समझने में मदद कर सकता है. इसका एक छोटा टुकड़ा चीन के पर्पल माउंटेन ऑब्जर्वेटरी में अध्ययन के लिए रखा गया है.

कलेक्टर्स की चाहत: उल्कापिंड कलेक्टर्स के लिए बहुत कीमती होते हैं. यह पत्थर अपनी दुर्लभता और आकार की वजह से दुनिया भर में सुर्खियां बटोर रहा है.

मंगल की कहानी: यह उल्कापिंड मंगल ग्रह की सतह से निकला, अंतरिक्ष में लाखों मील की यात्रा की और पृथ्वी पर आ गिरा. यह एक ऐसी कहानी है, जो विज्ञान और रोमांच से भरी है.

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पहले भी बिके हैं ऐसे उल्कापिंड

पहले भी मंगल के उल्कापिंड नीलामी में बिके हैं, लेकिन NWA 16788 अपने आकार और दुर्लभता की वजह से सबसे खास है. उदाहरण के लिए, 2021 में माली में मिला Taoudenni 002 उल्कापिंड 14.51 किलोग्राम का था, लेकिन NWA 16788 उससे कहीं बड़ा है. पिछले साल सोथबीज में एक स्टेगोसॉरस जीवाश्म 44.6 मिलियन डॉलर में बिका था, जो नीलामी का रिकॉर्ड था. शायद NWA 16788 भी नया रिकॉर्ड बनाए.

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