जिस मिसाइल से अभिनंदन ने PAK F-16 फाइटर जेट को गिराया था, अब वो भारत में बनेगी!

फाइटर पायलट अभिनंदन वर्धमान ने जिस मिसाइल से पाकिस्तानी F-16 फाइटर जेट को गिराया था, अब वह भारत में बन सकती है. यह कम दूरी की हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल है. इसका नाम है R-73E मिसाइल. आइए जानते हैं कि इस मिसाइल की ताकत क्या है?

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ये है R-73E मिसाइल का लेटेस्ट वर्जन. ये है R-73E मिसाइल का लेटेस्ट वर्जन.

आजतक साइंस डेस्क

  • नई दिल्ली,
  • 01 नवंबर 2023,
  • अपडेटेड 5:02 PM IST

2019 की बात है. पाकिस्तानी F-16 फाइटर जेट सीमा के पास उड़ते देखे गए. विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान को उन्हें भगाने की जिम्मेदारी दी गई. आसमान में डॉग फाइट हुई. अभिनंदन ने अपने मिग-21 बाइसन फाइटर जेट से R-73 एयर-टू-एयर मिसाइल दागकर पाकिस्तानी फाइटर जेट को मार गिराया. अब यही मिसाइल भारत में बनाने की तैयारी चल रही है. इसे फिलहाल रूस का टैक्टिकल मिसाइल कॉर्पोरेशन बनाता है. 

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भारतीय वायुसेना चाहती है कि उसके फाइटर जेट में इस मिसाइल का लेटेस्ट वर्जन R-73E मिसाइल लैस हो. इसे आत्मनिर्भर भारत मुहिम के तहत मेक-3 प्रोजेक्ट में बनाया जाएगा. लेटेस्ट वर्जन की रेंज 30 किलोमीटर है. साथ ही उसमें RVV-MD टेक्नोलॉजी लगी है, जिसकी इसकी रेंज बढ़कर 40 किलोमीटर तक हो जाती है. 

यह मिसाइल डॉग फाइटर के लिए ही बनाई गई है. ये आराम से हवाई टारगेट्स को किसी भी डायरेक्शन से मार कर गिरा सकती है. चाहे दिन हो या फिर रात. यहां तक की इलेक्ट्रॉनिक काउंटरमेजर्स वाले माहौल में भी यह मिसाइल दुश्मन टारगेट पर सटीक निशाना लगाती है. इस मिसाइल को फाइटर जेट्स, बमवर्षक या फिर अटैक हेलिकॉप्टर पर लगा सकते हैं. 

इस मिसाइल में कम्बाइन्ड गैस एयरोडायनेमिक कंट्रोल सिस्टम लगा है. जो लाइन ऑफ साइट पर 60 डिग्री तक की ताकत देता है. यानी दुश्मन पर हमला करते समय सीधी रेखा में जाती मिसाइल अचानक से इतने एंगल पर घूम भी सकती है. इसकी अधिकतम गति 2500 किलोमीटर प्रतिघंटा है. यह 2 मीटर की ऊंचाई से लेकर 20 किलोमीटर की ऊंचाई तक जा सकती है. अधिकतम 30 किलोमीटर की ऊंचाई तक जा सकती है. 

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विंग कमांडर अभिनंदन ने इसी मिसाइल से पाकिस्तानी F-16 फाइटर जेट को मार गिराया था. हालांकि बाद में इनके फाइटर जेट पर हमला हुआ. अभिनंदन इजेक्ट कर गए. उन्हें पाकिस्तानी सेना ने पकड़ लिया था. बाद में उन्हें सुरक्षित सफलतापूर्वक भारत वापस लाया गया. इस मिसाइल की ताकत देखते हुए यह फैसला लिया गया है कि इसे देश में ही बनाया जाए. 

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