इथियोपिया में 10 हजार साल बाद ज्वालामुखी में विस्फोट के कारण कन्नूर से अबू धाबी जा रही इंडिगो की फ्लाइट 6E 1433 को अहमदाबाद डायवर्ट कर दिया गया. हालांकि, वैज्ञानिकों ने इस घटना को इतिहास में क्षेत्र की सबसे असाधारण घटनाओं में से एक बताया है. साथ ही ज्वालामुखी विस्फोट से राख के गुबार का उत्तरी भारत की ओर बढ़ने का अनुमान है.
एयरलाइंस ने कहा कि कन्नूर से अबू धाबी जा रही इंडिगो की फ्लाइट 6E 1433 को अहमदाबाद डायवर्ट किया गया था जो सभी यात्रियों और चालक दल के सदस्यों के साथ सुरक्षित अहमदाबाद पहुंच गया है.
इंडिगो ने बयान जारी कर कहा कि यात्रियों को कन्नूर लौटाने के लिए विशेष रिटर्न फ्लाइट संचालित की जाएगी. कंपनी ने यात्रियों से धैर्य बनाए रखने की अपील की है.
नुकसान पहुंचा सकतें हैं राख के कण
वहीं, कुछ फ्लाइट्स के पहले ही रूट डायवर्ट किए गए हैं ताकि राख के बादलों से होने वाले नुकसान से बचा जा सके. राख के कण इंजन को नुकसान पहुंचा सकते हैं, इस लिए इंटरनेशनल विमानन प्रोटोकॉल के तहत सतर्कता बरती जा रही है.
अकासा एयर ने एक एडवाइजरी में कहा कि वह इंटरनेशनल विमानन प्रोटोकॉल के अनुरूप ज्वालामुखी गतिविधि पर कड़ी नजर रख रही है. उसने आगे कहा कि यात्रियों की सुरक्षा उसकी सर्वोच्च प्राथमिकता बनी हुई है.
10 हजार साल बाद ज्वालामुखी में विस्फोट
दरअसल, रविवार सुबह 8:30 बजे इथियोपिया के अफार क्षेत्र में स्थित हायली गूबी ज्वालामुखी में लगभग 10 हजार सालों बाद पहली बार विस्फोटक गतिविधि दर्ज की गई. इस विस्फोट से निकली राख के बादल उत्तरी भारत की ओर बढ़ रहे हैं, जिससे भारतीय विमानन प्राधिकरण (DJCA) और एयरलाइनों ने सोमवार शाम से दिल्ली और जयपुर की फ्लाइट संचालन पर नजर रखनी शुरू कर दी है.
इथियोपिया के एर्टा एले रेंज में स्थित हेली गुब्बी ज्वालामुखी ने रविवार सुबह वायुमंडल में राख और सल्फर डाइऑक्साइड का विशाल गुबार उड़ा.
10 से 15KM की ऊचांई तक उठा गुबार
टूलूज ज्वालामुखी राख सलाहकार केंद्र द्वारा उपग्रह से किए गए आकलन के अनुमान, ये राख का गुबार 10 से 15 किलोमीटर की ऊंचाई तक उठा और लाल सागर के पार पूर्व की ओर बह गया. टूलूज वोल्कैनिक ऐश एडवाइजरी सेंटर (वीएएसी) के सैटेलाइट आकलन से पता चला कि राख के बादल पूर्वी दिशा में लाल सागर पार कर यमन और ओमान पहुंच चुके हैं, जिससे ओमान और यमन में पर्यावरणीय और विमानन चेतावनियां जारी की गईं है.
खलीज टाइम्स के अनुसार, ओमान की पर्यावरण प्राधिकरण ने ज्वालामुखीय गैस और राख के संभावित प्रभाव की चेतावनी दी है. हालांकि, 68 निगरानी स्टेशनों पर अभी तक प्रदूषण स्तर में कोई वृद्धि नहीं पाई गई. नागरिक 'नाकी' प्लेटफॉर्म पर रियल टाइम की वायु गुणवत्ता ट्रैक कर सकते हैं.
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