नमकीन पानी से जलेगा ये लालटेन, भारतीय वैज्ञानिकों का कमाल

भारतीय वैज्ञानिकों ने एक ऐसा लैंप बनाया है जो समुद्र के नमकीन पानी से जलेगा. समुद्र का पानी न हो, तो सादे पानी में नमक डालकर भी LED बल्ब जलाया जा सकता है. बेहद किफायती टेक्नोलॉजी से बने इस लैंप से काफी ऊर्जा बचेगी.

Advertisement
केंद्रीय मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने Saline Water Lantern का अनावरण किया (Photo: PIB) केंद्रीय मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने Saline Water Lantern का अनावरण किया (Photo: PIB)

aajtak.in

  • चेन्नई ,
  • 13 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 5:28 PM IST
  • बेहद किफायती है यह तकनीक
  • मछुआरों का जीवन होगा आसान

केंद्रीय मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने भारत के पहले खारे पानी के लालटेन (Saline Water Lantern) का अनावरण किया. इस लालटेन का नाम रेशनी रखा गया है. इसकी खास बात यह है कि यह लालटेन में LED लैंप को जलाने के लिए, समुद्र के पानी का इस्तेमाल किया जाता है, जो खास तौर से डिज़ाइन किए गए इलेक्ट्रोड के बीच इलेक्ट्रोलाइट के तौर पर काम करता है.

Advertisement

भारत के गहरे महासागर मिशन के काम काज को देखने के लिए डॉ जितेंद्र सिंह ने कोस्टल रिसर्च वेसल सागर अन्वेषिका (Sagar Anveshika) का दौरा किया. इसे राष्ट्रीय महासागर प्रौद्योगिकी संस्थान (National Institute of Ocean Technology- NIOT), चेन्नई संचालित करता है. 

कोस्टल रिसर्च वेसल सागर अन्वेषिका का दौरा भी किया

डॉ जितेंद्र सिंह का कहना है कि खारे पानी का लालटेन गरीबों और जरूरतमंदों के लिए काफी कारगर साबित होगा. खासकर भारत की 7500 किलोमीटर लंबी तटीय रेखा के किनारे रहने वाले मछुआरों का जीवन, ये लालटेन आसान कर देगा. 

खारे पानी से चलने वाला 'रोशनी एलईडी लैंप' प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की उजाला योजना को बढ़ावा देंगे. यह योजना 2015 में लॉन्च की गई थी. उन्होंने कहा, रोशनी लैंप के साथ-साथ ऊर्जा मंत्रालय की सोलर स्टडी लैंप जैसी योजनाएं ऊर्जा सुरक्षा और कार्बन उत्सर्जन को कम करने के उद्देश्य से चलाई जा रही हैं.

Advertisement
लालटेन का बड़े पैमाने पर उत्पादन करने को कहा गया

इस तकनीक का इस्तेमाल उन इलाकों में भी किया जा सकता है, जहां समुद्र का पानी नहीं है. सामान्य पानी में भी नमक को मिलाकर इस लालटेन का इस्तेमाल किया जा सकता है. इसमें खर्च भी कम है और यह आसानी से चलाया जा सकता है. डॉ जितेंद्र सिंह ने रोशनी लैंप का आविष्कार करने वाले वैज्ञानिकों की सराहना. उन्होंने इस लैंप का बड़े पैमाने पर उत्पादन करने के लिए कहा, ताकि ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में रहने वाले लोग इसका इस्तेमाल कर सकें.

इस दौरान, डॉ जितेंद्र सिंह ने एमओईएस के सचिव डॉ एम रविचंद्रन के साथ प्रयोगशालाओं का दौरा किया और जहाज पर तिरंगा फहराया. 


 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement