इंसान के शरीर में मिला 'बुलेटप्रूफ प्रोटीन', अब इससे बनेंगे सुरक्षा कवच

इंसान के शरीर में एक ऐसा प्रोटीन खोजा गया है, जो बुलेटप्रूफ जैकेट बनाने के काम आ सकता है. यह सुपरसोनिक स्पीड से आ रही गोली को रोक सकता है. यह एक प्राकृतिक कवच का काम करेगा. आइए जानते हैं कि इस प्रोटीन के सहारे वैज्ञानिक किस तरह के बुलेटप्रूफ जैकेट बना सकते हैं.

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इंसान के शरीर में खोजा गया ऐसा प्रोटीन जिससे भविष्य में बुलेटप्रूफ जैकेट बनाया जा सकता है. (प्रतीकात्मक फोटोः गेटी) इंसान के शरीर में खोजा गया ऐसा प्रोटीन जिससे भविष्य में बुलेटप्रूफ जैकेट बनाया जा सकता है. (प्रतीकात्मक फोटोः गेटी)

aajtak.in

  • लंदन,
  • 21 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 6:44 PM IST

ब्रिटिश वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि उन्होंने इंसानों के शरीर में ऐसा प्रोटीन खोजा है, जो भविष्य में सैनिकों के लिए रक्षाकवच बनेगा. इस पर सुपरसोनिक स्पीड से आती हुई गोली का भी असर नहीं होता. ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी ऑफ केंट के वैज्ञानिकों ने यह दावा किया है. उनका कहना है कि यह किसी भी देश की पुलिसफोर्स या फौजियों के लिए वरदान साबित हो सकता है. 

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इस प्रोटीन से बने बुलेटप्रूफ जैकेट बेहद हल्के, पतले और आरामदायक होंगे. इसमें इंसानी शरीर में पाई जाने वाली कोशिकाओं में पाया जाने वाला प्रोटीन टॉरीन (Taurine Protein) इस्तेमाल किया जा सकता है. इस प्रोजेक्ट के लीडर प्रो. बेंजामिन गॉल्ट ने कहा कि टॉरीन के हर एटम में 13 स्विच हैं. ये तनाव उत्पन्न होने पर सक्रिय होते हैं. तनाव कम होने पर खुद-ब-खुद बंद हो जाते हैं. 

बुलेटप्रूफ जैकेट में टॉरीन प्रोटीन का इस्तेमाल करने के लिए पहले उसे जैकेट के फैबिक्र के हिसाब से ढाला गया. उसके बाद उससे एक जाल बनाया गया. इस काम में पानी और एक जेलिंग एजेंट का इस्तेमाल किया गया. फिर उस जेल को बुलेटप्रूफ जैकेट में डाला गया. 

गॉल्ट ने कहा कि टॉरीन में बाइनरी स्विच डोमेन सीरीज होती है. तनाव या शरीर को नुकसान पहुंचने पर ही ऑन होती है. जैसे ही तनाव खत्म होता है ये स्विच ऑफ हो जाती है. प्रोटीन का यही प्रोटेक्टिव बिहेवियर हमारी कोशिकाओं को बड़ी चोटों के नुकसान से बचाता है. 

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आने वाले समय में सेना के जवानों, अंतरिक्ष यात्रियों, पुलिस और के लिए बेहद लाभदायक है. जब भी दिमाग को यह महसूस होता है कि उसे अब गोली या चोट लगने वाली है, तब वह शरीर में टॉरीन प्रोटीन को एक्टिव कर देता है, ताकि सुरक्षा की लेयर बढ़ जाए. 

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