Advertisement

साइंस न्यूज़

दिल्ली-NCR में प्रदूषण संकट... सरकारी दावा vs दिसंबर की कड़वी हकीकत

मिलन शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 18 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 6:14 PM IST
  • 1/9

केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने राज्यसभा में कहा कि दिल्ली-NCR में 2025 में एक भी दिन 'सीवियर+' (AQI >450) प्रदूषण नहीं रहा. मंत्री ने सुधार की बात की – जनवरी से नवंबर तक औसत AQI 187 रहा. Photo: PTI

  • 2/9

अच्छे दिन (AQI <200) 200 हो गए. 'सीवियर+' एक भी दिन नहीं. लेकिन दिसंबर के शुरुआती दिनों में ही सरकारी डेटा (CPCB और SAMEER ऐप) से 'सीवियर+' दिन दर्ज हो चुके हैं, जो दावे पर सवाल उठाते हैं. Photo: AP

  • 3/9

दिसंबर में 'सीवियर+' के दिन...  13 दिसंबर: दिल्ली AQI 431 से बढ़कर शाम तक 441 ('सीवियर'), कुछ इलाकों में ज्यादा. 14 दिसंबर: दिल्ली AQI 460-461 ('सीवियर+'), नोएडा 466, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद भी 'सीवियर+'. 15 दिसंबर: दिल्ली AQI 427-493 ('सीवियर+'), नोएडा 437, कई स्टेशन 500 के पार. Photo: AP

Advertisement
  • 4/9

इससे GRAP-4 लागू हुआ – सबसे सख्त स्तर. मंत्रालय का डेटा जनवरी-नवंबर तक का है, जहां सुधार दिखा. लेकिन दिसंबर में मौसम (कम हवा, ठंड, कोहरा) और स्थानीय उत्सर्जन (वाहन, कंस्ट्रक्शन, इंडस्ट्री) से प्रदूषण तेजी से बढ़ा. Photo: PTI

  • 5/9

NCR का औसत दिल्ली से अलग गिना जाता है, लेकिन एक ही एयरशेड में नोएडा-गाजियाबाद के हाई AQI पूरे क्षेत्र को प्रभावित करते हैं. 13 दिसंबर से GRAP-4 लागू है. कंस्ट्रक्शन-डेमोलिशन पूरी तरह बंद. BS-III पेट्रोल और पुरानी डीजल गाड़ियां बैन है. Photo: PTI

  • 6/9

बाहर से नॉन-BS-VI प्राइवेट व्हीकल एंट्री बंद. पेट्रोल पंपों पर 'नो PUC, नो फ्यूल' – बिना वैलिड PUC सर्टिफिकेट गाड़ी को फ्यूल नहीं. 50% वर्क फ्रॉम होम (सरकारी-प्राइवेट). स्कूलों में हाइब्रिड/ऑनलाइन क्लासेस (क्लास 5 तक ऑनलाइन). Photo: PTI

Advertisement
  • 7/9

ट्रक एंट्री पर सख्ती (एसेंशियल को छोड़कर). सुप्रीम कोर्ट और CAQM की निगरानी में ये नियम लागू है. उल्लंघन पर 10,000-20,000 जुर्माना है. Photo: PTI

  • 8/9

AQI 450+ पर सांस की तकलीफ, आंख जलन, दिल के मरीजों को खतरा. विजिबिलिटी जीरो, फ्लाइट्स डिले/कैंसल, सड़कें खतरनाक हो जाती हैं. स्कूल बंद, ऑफिस WFH – रोजमर्रा की जिंदगी प्रभावित हुई है. Photo: PTI

  • 9/9

साल भर का औसत सुधरा है. दिसंबर का संकट पुराना पैटर्न दोहरा रहा है. लंबे समय के लिए उत्सर्जन कंट्रोल, NCR में कोऑर्डिनेशन और मौसम पर निर्भरता कम करना जरूरी. प्रदूषण अब स्वास्थ्य इमरजेंसी बन चुका है. Photo: PTI

Advertisement
Advertisement
Advertisement