आज रात साल का दूसरा चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है. इस चंद्र ग्रहण को कई मायनों में बेहद खास माना जा रहा है. चंद्र ग्रहण की अवधि में सामान्य क्रियाकलापों या धार्मिक पांबदियां नहीं होंगी. यानी आप चांदनी रात का नजारा देखते हुए तमाम चीजें बिना रोक-टोक कर सकते हैं.
ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा पर उपछाया चंद्र ग्रहण होगा. यह चंद्र ग्रहण रात तकरीबन सवा 11 बजे से रात 2 बजकर 34 मिनट तक रहेगा. खास बात ये है कि इस ग्रहण को भारत में भी देखा जा सकेगा. ग्रहण काल में चंद्रमा कहीं से कटा हुआ होने की बजाय अपने पूरे आकार में नजर आएगा. ग्रहण काल के दौरान चंद्रमा वृश्चिक राशि में होंगे.
उपछाया ग्रहण को वास्तविक चंद्र ग्रहण नहीं माना जाता है. हर चंद्र ग्रहण के शुरू होने से पहले चंद्रमा
धरती की उपछाया में अवश्य प्रवेश करता है, जिसे चंद्र मालिन्य या अंग्रेजी
में Penumbra कहा जाता है. उसके बाद ही चंद्रमा धरती की वास्तविक छाया (Umbra) में प्रवेश करता है, तभी उसे चंद्रग्रहण कहते हैं.
जब चंद्रमा उपछाया में प्रवेश करके ही बाहर निकलकर आता है और पृथ्वी की वास्तविक छाया यानी Umbra में प्रवेश नहीं करता है तो इस अवस्था को उपछाया चंद्र ग्रहण कहा जाता है. इस अवस्था में चंद्रमा का बिंब काला होने की बजाए धुंधला नजर आता है.
उपछाया चंद्र ग्रहण की खास बातें
1. इस घटना को नग्न आंखों के द्वारा देखा जा सकता है. उपछाया चंद्र ग्रहण बहुत अधिक प्रभावशाली नहीं होता है. इस दौरान सूतक काल भी मान्य नहीं होता है.
2. उपछाया चंद्र ग्रहण के दौरान आप कुछ भी खा-पी सकते हैं. इसमें किसी तरह की रोक-टोक नहीं होती है.
3. धर्म से जुड़े जानकारों का कहना है कि इस दौरान सिर्फ बच्चों, बुजुर्गों और पीड़ित व्यक्तियों को ही घर से बाहर निकलने की मनाही होती है.
4. ग्रहण से जुड़ी मान्यताएं कहती हैं कि ग्रहण लगना अशुभ होता है. इस दौरान कई तरह के शुभ कार्यों को करना वर्जित माना गया है.