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काल सर्प योग में लगा चंद्र ग्रहण, नौकरी-व्यापार में केतु देगा दिक्कतें

aajtak.in
  • 05 जुलाई 2020,
  • अपडेटेड 9:50 AM IST
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साल का तीसरा चंद्र ग्रहण अब से कुछ ही देर में लगने वाला है. उपछाया चंद्र ग्रहण होने की वजह से इसका भारत में बहुत ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ने वाला है. हालांकि काल सर्प में केतु चंद्रमा को ग्रहण लगा रहा है. राहु-केतु दोनों पाप ग्रह हैं. ज्योतिर्विदों का कहना है कि चंद्र ग्रहण के बाद अगने 15 दिनों तक बेहद सावधान रहने की जरूरत है.

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काल सर्प की कुंडली में फंसे ग्रहों के कारण आपको कई फायदे और नुकसान हो सकते हैं. ज्योतिर्विद भूषण कौशल का कहना है कि आषाढ़ माह में एक साथ दो ग्रहण बड़ी विपदा की ओर इशारा कर रहे हैं. ऐसे में भूकंप, सूनामी जैसी प्राकृतिक आपदाओं का खतरा काफी ज्यादा बढ़ जाता है.


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एक महीने के अंतराल में तीन बड़े ग्रहण पृथ्वी के लिए अच्छा संकेत नहीं है. वैसे भी साल 2020 महामारी का साल रहा है. ऐसे में बेशक यह एक उपछाया चंद्र ग्रहण है, लेकिन आपको बेहद संभलकर रहने की जरूरत है.

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चंद्र ग्रहण से क्या होंगे फायदे?
इस दौरान धनु अपनी राशि में आ गया है जो धन, संतान और पति के लिए अच्छा है. घर में खुशहाली लाएगा. जबकि शुक्र प्यार-प्रेम के मामले में सही दिशा दिखाएगा. धन, ऐश्वर्य, गाड़ी, बंगला आदि के लाभ देगा. चंद्र ग्रहण में ये दोनों ही ग्रह लाभ देंगे.



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शनि भी अपनी ही राशि में है तो यहां भी किसी तरह की परेशानी नहीं होने वाली है. शनि शत्रुओं का अंत करेगा. मुकदमे सुलझाएगा. परिस्थितियां बेहतर करेगा. कष्ट और कर्ज दोनों से राहत दिलाएगा. आगे करीब 6 महीनों तक इसका लाभ मिलने वाला है.

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क्या होंगे नुकसान
इस चंद्र ग्रहण में सबसे ज्यादा खतरा केतु से है. राहु-केतु वायु के कारक हैं. केतु धरती पर प्राणी की मुश्किलें बढ़ाएगा. घर में रोग दस्तक दे सकते हैं. घर में किसी सदस्यों की तबियत भी खराब हो सकती है.

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काल सर्प की कुंडली में ग्रहों के फंसने से आपको कई और भी नुकसान हो सकते हैं. धन के मामले में दिक्कतें बढ़ सकती हैं. नौकरी में परेशानियां हो सकती हैं. व्यापार में पार्टनर धोखा दे सकता है.

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ग्रहण के बाद जरूर करें ये काम
ज्योतिर्विद कौशल भूषण के मुताबिक मंदिर में भगवान शिव पर जल चढ़ाने और ग्रहण काल में गायत्री मंत्र का जाप करने से ग्रहण के प्रभाव को कमजोर किया जा सकता है. इसके अलावा महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से भी लाभ होगा.

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ग्रहण के बाद आप चाहें तो अपनी छाया दान करके भी इसके प्रभाव से बच सकते हैं. इसके लिए किसी बर्तन में दूध को डालें और फिर इसमें अपनी परछाई देखें. इसके बाद दूध को पीपल के वृक्ष पर चढ़ा दें.

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