Pitru Paksha 2024: पितृदोष से हैं परेशान तो पितृ पक्ष में करें ये चमत्करी उपाय, हमेशा रहोगे खुशहाल

Pitru Paksha 2024: हिंदू धर्म में पितृपक्ष का खास महत्व होता है. इस बार पितृ पक्ष 17 सितंबर से लेकर 2 अक्टूबर तक रहेंगे. कुंडली के पितृ दोष दूर करने के लिए पितृपक्ष का समय सबसे अच्छा माना जाता है. तो आइए जानते हैं कि कुडंली से पितृ दोष दूर करने के लिए पितृपक्ष के दौरान कौन से उपाय करें.

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aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 10 सितंबर 2024,
  • अपडेटेड 5:03 PM IST

Pitru Paksha 2024: पितृपक्ष की शुरुआत 17 सितंबर, मंगलवार से होने जा रही है, जो 2 अक्टूबर सर्वपितृ अमावस्या तक रहेंगे. कुंडली के पितृ दोष दूर करने के लिए पितृपक्ष का समय सबसे अच्छा माना जाता है. इन दिनों पितरों को खुश करने के लिए और उनका आर्शीवाद पाने के लिए कई तरह के उपाय किए जाते हैं. साथ ही पितृ दोष करने के लिए भी कुछ उपाय किए जाते हैं. चलिए जानते हैं.

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क्या होता है पितृ दोष?

जिन लोगों की कुंडली में पितृ दोष होता है उन लोगों को संतान सुख आसानी से नहीं मिलता है. या फिर संतान बुरी संगत में पड़ जाता है. इन लोगों को नौकरी या व्यापार में हमेशा दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. काम में बार-बार बाधा आती है. घर में ज्यादा क्लेश-झगड़े होते हैं. घर में सुख-समृद्धि नहीं आती है. गरीबी और कर्ज बना रहता है. अक्सर बीमार रहते हैं और बेटी या बेटे की शादी में रुकावट आती है.

पितृ दोष के उपाय (Pitru Dosh Upay)

1. पितृदोष को समाप्त करने के लिए घर के दक्षिण दीवार पर अपने पूर्वजों की तस्वीर लगाएं और उनकी तस्वीर के सामने दिया धूप या अगरबत्ती जलाएं. विशेष रूप से ऐसा अगर आप श्राद्ध पक्ष के दौरान करते हैं तो आपको विशेष रूप से लाभ मिलेगा. 

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2. इसके अलावा, पितृ पक्ष में रोजाना घर में शाम के समय दक्षिण दिशा में तेल का दीपक लगाएं. ऐसा रोजाना भी कर सकते हैं. इससे पितृ दोष खत्म हो जाता है.

3. पितृ पक्ष शांति के लिए रोजाना दोपहर के समय पीपल के पेड़ की पूजा करें. पितरों को प्रसन्न करने के लिए पीपल में गंगाजल में काले तिल, दूध, अक्षत और फूल अर्पित करें. पितृ दोष शांति के लिए ये उपाय बहुत कारगर है.

4. पितृ दोष को समाप्त करने के लिए पितृ पक्ष में भगवान शिव की रोजाना पूजा करें. 

5. पितृ दोष के बुरे प्रभाव से बचने के लिए पांचमुखी, सात मुखी, आठमुखी और बारहमुखी रुद्राक्ष एक साथ धारण करें. यदि ये उपलब्ध न हो पाए तो आप नवग्रह रुद्राक्ष माला भी धारण कर सकते हैं.

6. वहीं, पितृ दोष के निवारण के लिए पितृ पक्ष में और अमावस्या पर पितरों के निमित्त भोग लगाएं और पितृस्तोत्र का पाठ करना चाहिए.

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