वैदिक मंत्रोच्चार और विधि-विधान से पूजा के बाद बुधवार, 26 अक्टूबर को दोपहर 12 बजकर 01 मिनट पर श्री गंगोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं. इस अवसर पर हजारों श्रद्धालु कपाट बंद होने के साक्षी बने. मां गंगा की उत्सव डोली समारोह पूर्वक जयकारों के साथ मुखबा गांव के लिए रवाना हुई. मां गंगा का रात्रि विश्राम आज मां चंडी देवी (मार्कण्डेय पुरी) मंदिर में होगा. कल मां गंगा की उत्सव डोली भैया दूज के पर्व पर अपने मायके मुखबा (मुखीमठ) पहुंचेगी.
अब शीतकाल में मां गंगा के शीतकालीन प्रवास मुखबा स्थित गंगा मंदिर में पूजा-अर्चना होगी. इस साल 6 लाख 25 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने मां गंगा के दर्शन किए. इस अवसर पर गंगोत्री विधायक सुरेश चौहान, गंगोत्री मंदिर समिति के रावल हरीश सेमवाल, सचिव सुरेश सेमवाल, सहित बड़ी संख्या में तीर्थ पुरोहित, जन प्रतिनिधिगण और श्रद्धालुजन मौजूद रहे.
केदारनाथ धाम के कपाट भी होंगे बंद
27 अक्टूबर दिन गुरुवार को भाई दूज के अवसर पर बंद श्री केदारनाथ धाम के कपाट भी बंद हो जाएंगे. बुधवार को भगवान केदारनाथ जी की पंचमुखी डोली को विधि-विधान से श्री केदारनाथ मंदिर परिसर में प्रतिष्ठित किया गया. बाबा केदारनाथ धाम के कपाट 27 अक्टूबर को सुबह साढ़े आठ बजे शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे. इसके बाद भगवान केदारनाथ जी की पंचमुखी डोली शीतकालीन गद्दीस्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ प्रस्थान करेगी.
आज सुबह पूर्व मुख्यमंत्री और सांसद डॉ. रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने भगवान केदारनाथ के दर्शन किए. आज कपाट बंद होने की पूर्व संध्या पर हजारों की संख्या में भक्तगण बाबा केदारनाथ के दर्शन को पहुंचे हैं. कपाट बंद होने की प्रक्रिया के अंतर्गत आज भगवान केदारनाथ की पंचमुखी डोली को विधि-विधान से पूजा-अर्चना के बाद मंदिर परिसर में लाया गया. परिक्रमा के बाद डोली को मंदिर के अंदर प्रतिष्ठित कर दिया गया. इस अवसर पर श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति अध्यक्ष अजेंद्र अजय सपरिवार श्री केदारनाथ धाम पहुंचे और पंचमुखी डोली की पूजा-अर्चना में शामिल हुए.
इस दौरान अजेंद्र अजय और मंदिर उपाध्यक्ष किशोर पंवार ने व्यवस्थाओं का भी जायजा लिया. इस अवसर पर केदारनाथ उत्थान चैरिटेबल ट्रस्ट के संयुक्त सचिव/श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के मुख्य कार्याधिकारी योगेन्द्र सिंह ने बताया कि शीतकाल के लिए कपाट बंद होने की सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. मंदिर समिति शीतकाल में मंदिर की सुरक्षा में तैनात सुरक्षाकर्मियों को खाद्य सामग्री और रहने की व्यवस्था उपलब्ध कराएगी.
केदारनाथ से मंदिर समिति मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ ने बताया कि 26 अक्टूबर को सुबह साढ़े आठ बजे श्री केदारनाथ धाम के कपाट बंद होने के बाद भगवान केदारनाथ जी की पंचमुखी डोली अपने प्रथम पड़ाव रामपुर के लिए रवाना होगी. 28 अक्टूबर को पंचमुखी डोली द्वितीय पड़ाव श्री विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी पहुंचेगी. 29 अक्टूबर को पंचमुखी डोली शीतकालीन गद्दीस्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंचेगी.
अंकित शर्मा