Indira Ekadashi 2025: इंदिरा एकादशी और ग्यारस श्राद्ध का संयोग, जानें पितरों के तर्पण का मुहूर्त

Indira Ekadashi 2025: इंदिरा एकादशी और एकादशी श्राद्ध का संयोग 17 सितंबर को बनने जा रहा है. इस दिन श्रीहरि की पूजा में शालिग्राम रूप में भगवान विष्णु की पूजा और पंचामृत, तुलसी अर्पित करना शुभ माना जाता है.

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इंदिरा एकादशी और एकादशी श्राद्ध का संयोग (Photo: AI Generated) इंदिरा एकादशी और एकादशी श्राद्ध का संयोग (Photo: AI Generated)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 15 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 10:41 AM IST

Indira Ekadashi 2025: हिंदू पंचांग के मुताबिक, 17 सितंबर का दिन बहुत ही खास माना जा रहा है. दरअसल, इस दिन इंदिरा एकादशी और एकादशी श्राद्ध का संयोग बनने वाला है. हर साल, आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को इंदिरा एकादशी का व्रत रखा जाता है, जो कि श्रीहरि और माता लक्ष्मी के लिए रखा जाता है. इस एकादशी पर भगवान विष्णु की उपासना करने से जातक पाप मुक्त और रोग मुक्त हो जाता है. 

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ठीक, उसी दिन एकादशी श्राद्ध यानी ग्यारस का श्राद्ध भी किया जाएगा. ज्योतिषियों की मानें तो, एकादशी श्राद्ध के दिन उन लोगों का तर्पण या पिंडदान किया जाता है जिनकी मृत्यु किसी भी महीने की कृष्ण पक्ष की एकादशी के दिन हुई हो. माना जाता है कि इस दिन जिन मृतकों का श्राद्ध किया जाता है, उनपर स्वयं श्रीहरि की कृपा होती है. तो चलिए अब जानते हैं कि इंदिरा एकादशी पर किस मुहूर्त में भगवान विष्णु की पूजा की जाएगी और किस मुहूर्त में पितरों का श्राद्ध किया जाएगा.

इंदिरा एकादशी की तिथि और शुभ मुहूर्त (Indira Ekadashi 2025 Tithi & Shubh Muhurat)

आश्विन मास की एकादशी तिथि की शुरुआत 17 सितंबर की अर्धरात्रि 12 बजकर 21 मिनट पर होगी और तिथि का समापन भी 17 सितंबर को रात 11 बजकर 39 मिनट पर ही होगा. इसके साथ ही, इस दिन परिघ योग, शिव योग और शिववास का संयोग बन रहा है. जिसके चलते इस दिन कभी भी श्रीहरि की उपासना की जा सकती है. 

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व्रत पारण का मुहूर्त- इंदिरा एकादशी का पारण 18 सितंबर को सुबह 6 बजकर 7 मिनट से लेकर  8 बजकर 34 मिनट तक रहेगा. 

एकादशी श्राद्ध पर पितरों के तर्पण का समय

एकादशी श्राद्ध पर पितरों के तर्पण के 3 मुहूर्त रहेंगे- कुतुप मुहूर्त, रौहिण मुहूर्त और अपराह्न काल. 

कुतुप मुहूर्त- सुबह 11 बजकर 51 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 40 मिनट तक

रौहिण मुहूर्त- दोपहर 12 बजकर 40 मिनट से दोपहर 1 बजकर 29 मिनट तक

अपराह्न काल- इस दिन दोपहर 1 बजकर 29 मिनट  से लेकर दोपहर 3 बजकर 56 मिनट तक

इंदिरा एकादशी पूजन विधि (Indira Ekadashi Pujan Vidhi)

इस दिन प्रातःकाल उठकर स्नान करने के बाद, सबसे पहले सूर्य भगवान को जल अर्पित करें. इसके बाद भगवान विष्णु की पूजा करें, जिनकी शालिग्राम रूप में पूजा की जाती है. भगवान विष्णु को पीले फूल, फल, पंचामृत और तुलसी दल अर्पित करना शुभ माना जाता है. पूजा के दौरान भगवान का ध्यान करें और उनके मंत्रों का जप करें.

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