Holika Dahan 2023: होलिका दहन आज...अग्नि में अर्पित करें ये चीजें, जीवन के कष्ट होंगे दूर

Holika Dahan 2023: हिंदू धर्म में होली का त्योहार बेहद खास माना जाता है. इस बार 7 मार्च को होलिका दहन किया जाएगा. उसके अगले दिन होली का त्योहार मनाया जाएगा. होलिका की अग्नि बेहद पवित्र मानी जाती है. ज्योतिषियों का यह भी मानना है कि होलिका की 07 बार परिक्रमा करने से जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं.

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होलिका दहन होलिका दहन

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 07 मार्च 2023,
  • अपडेटेड 7:55 AM IST

Holika Dahan 2023: अग्नि को पंचतत्वों में सबसे पवित्र माना जाता है. इस बार 7 मार्च 2023 यानी आज होलिका दहन किया जाएगा. मान्यता के अनुसार, होलिका की अग्नि इतनी पवित्र मानी जाती है कि जिसमें जीवन के सभी कष्टों का नाश हो सकता है. होलिका दहन के दिन होलिका प्रज्वलित होने के बाद उसमें 11 उपलों की माला, पान, सुपारी, नारियल, अक्षत, चना इत्यादि, साथ ही भोग में मीठा अर्पित करना चाहिए. उसके बाद श्रीहरि विष्णु का नाम लेकर सात बार होलिका की अग्नि की परिक्रमा करनी चाहिए.

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क्या करें होलिका दहन के दिन

होलिका दहन शुरू हो जाने पर अग्नि को प्रणाम करें और भूमि पर जल डालें. अग्नि में गेहूं की बालियां, गोबर के उपले और काले तिल के दाने डालें. अग्नि की कम से कम तीन बार परिक्रमा करें. अग्नि को प्रणाम करके अपनी मनोकामनाएं मन में बोलें. होलिका की अग्नि की राख से स्वयं का और घर के लोगों का तिलक करें. ज्योतिषियों की माने तो होलिका की अग्नि में सभी कष्ट भस्म हो जाते हैं. ऐसा भी माना जाता है कि होलिका की राख घर में लाने से कर से सारी नकारात्मक ऊर्जाएं समाप्त हो जाती हैं. 

होलिका की अग्नि में क्या अर्पित करें

1. अच्छे स्वास्थ्य के लिए काले तिल के दाने
2. बीमारी से मुक्ति के लिए हरी इलायची और कपूर
3. धन लाभ के लिए चंदन की लकड़ी
4. रोजगार के लिए पीली सरसों
5. विवाह और वैवाहिक समस्याओं के लिए हवन सामग्री
6. नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति पाने के लिए काली सरसों

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कब होता है होलिका दहन

फाल्गुन शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि पर भद्रा रहित प्रदोष काल में होलिका दहन करना सबसे श्रेष्ठ माना जाता है. होलिका दहन से पहले साफ सुथरी जगह का चयन करना चाहिए. उसके बाद उस जगह को गंगाजल से पवित्र करना चाहिए. उसके बीच में होलिका दंड गाड़ना चाहिए. उस पर सूखी घास, देसी गाय के गोबर के बने उपले, शुद्ध लकड़ियां इत्यादि एकत्रित करना चाहिए.

फिर होलिका की विधि विधान से पूजा करनी चाहिए और एक दीपक जलाना चाहिए. फिर शुभ मुहूर्त में होलिका दहन करना चाहिए. 

होलिका दहन की सावधानियां

भद्रा रहित, प्रदोष व्यापिनी पूर्णिमा तिथि होलिका दहन के लिए उत्तम मानी जाती है. अगर ऐसा योग नहीं हो तो भद्रा समाप्त होने पर होलिका दहन करें. भद्रा मध्य रात तक हो तो भद्रा पूंछ के दौरान होलिका दहन का विधान है. 

होलिका दहन के दिन व्यक्ति को पवित्र मन से होलिका की पूजा करनी चाहिए. बिना मांस मदीरा का सेवन करें व्यक्ति को होलिका दहन करना चाहिए. 

होलिका दहन का महाप्रयोग

होलिका दहन हो जाने के बाद उसकी थोड़ी सी राख ले आएं. इसको किसी पात्र में सुरक्षित रख लें. जब भी किसी महत्वपूर्ण कार्य से जाना हो तो इसका तिलक लगाकर जाएं. उससे हर कार्य में सफलता मिलती है. 

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