Ahoi Ashtami 2025: 13 या 14 अक्टूबर कब रखा जाएगा अहोई अष्टमी का व्रत? जानें सही तिथि, मुहूर्त और महत्व

Ahoi Ashtami 2025: इस साल अहोई अष्टमी का व्रत 13 अक्टूबर को रखा जाएगा. इस दिन माताएं अपनी संतान के लिए निर्जला व्रत रखती हैं और उनकी दीर्घायु और अच्छे स्वास्थ्य की कामना करती हैं.

Advertisement
अहोई अष्टमी पर माताएं अपनी संतान की दीर्घायु के लिए नर्जिला व्रत रखती हैं. (Photo: Ai Generated) अहोई अष्टमी पर माताएं अपनी संतान की दीर्घायु के लिए नर्जिला व्रत रखती हैं. (Photo: Ai Generated)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 13 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 11:34 AM IST

हर साल अहोई अष्टमी का व्रत कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रखा जाता है. यह व्रत करवा चौथ के चार दिन बाद आता है. इस दिन माताएं अपनी संतान की दीर्घायु, अच्छे स्वास्थ्य और अच्छे भविष्य की कामना के लिए व्रत रखती हैं. इस दिन व्रत का पारण शाम को तारों को अर्घ्य देने के बाद किया जाता है.

Advertisement

अहोई अष्टमी 2025 की तिथि (Ahoi Ashtami Date)

कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि की शुरूआत 13 अक्टूबर को रात 12 बजकर 24 मिनट से होगी. इस तिथि समापन 14 अक्टूबर को सुबह 11 बजकर 09 मिनट पर होगा. ऐसे में इस साल अहोई अष्टमी का व्रत 13 अक्टूबर को रखा जाएगा. 

पूजा शुभ मुहूर्त (Ahoi Ashtami Shubh Muhurat)

द्रिक पंचाग के अनुसार, अहोई अष्टमी पूजा का समय शाम 5 बजकर 53 मिनट से 7 बजकर 08 मिनट तक रहेगा. इस दिन तारों को अर्घ्य देने का समय शाम 6 बजकर 17 मिनट तक है. और चंद्रोदय का समय रात 11 बजकर 20 मिनट है.

अहोई अष्टमी व्रत का महत्व (Ahoi Ashtami Significance)

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस व्रत को करने से अहोई माता संतान को लंबी उम्र, स्वास्थ्य और सफलता का आशीर्वाद प्रदान करती हैं. मान्यता है कि अगर निसंतान महिलाएं यह व्रत करती हैं तो उन्हें, संतान सुख की प्राप्ति हो सकती है. यह व्रत कठिन होता है क्योंकि इसे निर्जला रखा जाता है.

Advertisement

अहोई अष्टमी पर न करें ये काम (Ahoi Ashtami Precautions)

मान्यताओं के अनुसार, इस दिन व्रत के दौरान कुछ विशेष सावधानी बरतनी चाहिए. इस दिन मिट्टी से जुड़ा कार्य या नुकीली वस्तुओं का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. तारों को अर्घ्य देते समय स्टील के लोटे का ही प्रयोग करना चाहिए. व्रत के दौरान अपमान या नकारात्मक विचार मन में न लाएं. माना जाता है कि ऐसा करने से व्रत का पूर्ण फल नहीं मिलता है.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement