Dev Deepawali 2025 Date: 4 या 5 नवंबर, कब है देव दीपावली? जानें इस पर्व की सही तिथि और मुहूर्त

Dev Deepawali 2025 Date: दिवाली के ठीक 15 दिन बाद देव दीपावली का पर्व मनाया जाता है. द्रिक पंचांग के अनुसार, देव दीपावली 5 नवंबर को मनाई जाएगी. इस दिन देवी-देवताओं को आसानी से प्रसन्न किया जा सकता है.

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देव दीपावली 2025 शुभ मुहूर्त (Photo: Pexels) देव दीपावली 2025 शुभ मुहूर्त (Photo: Pexels)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 28 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 7:44 AM IST

Dev Deepawali 2025 kab hai: हिंदू धर्म में देव दीपावली का बहुत ही विशेष महत्व है. यह पर्व कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है, ठीक दिवाली के 15 दिनों के बाद. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नामक राक्षस का वध किया था. कहते हैं कि इस दिन भगवान शिव की पूजा और उनके मंत्रों का जाप करने से हर इच्छा पूरी होती है. साथ ही, इस त्योहार को भगवान शिव के पुत्र कार्तिक महाराज के जन्मदिन के रूप में भी मनाया जाता है. ऐसा माना जाता है कि इस दिन देवता अपने भक्तों के सभी कष्टों को दूर करने के लिए स्वर्ग से पृथ्वी पर अवतरित होते हैं. इस बार देव दीपावली का पर्व 5 नवंबर 2025, बुधवार को मनाया जाएगा. 

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देव दीपावली 2025 तिथि (Dev Deepawali 2025 Tithi)

हर वर्ष देव दीपावली का पर्व कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है. इस बार देव दीपावली की पूर्णिमा तिथि 4 नवंबर को रात 10 बजकर 36 मिनट पर शुरू होगी और तिथि का समापन 5 नवंबर को शाम बजकर 48 मिनट पर होगा. 

देव दीपावली का पूजन मुहूर्त (Dev Deepawali 2025 Pujan Muhurat)

देव दीपावली का पूजन प्रदोष काल में किया जाता है. जिसका मुहूर्त 5 नवंबर को शाम 5 बजकर 15 मिनट से शुरू होगा और मुहूर्त का समापन शाम 7 बजकर 50 मिनट पर होगा. कुल मिलाकर पूजन के लिए 2 घंटे 37 मिनट का वक्त मिलेगा. 

देव दीपावली की पूजन विधि (Dev Deepawali 2025 Pujan Vidhi)

देव दीपावली के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठें और उसके बाद स्नानादि कर लें. इसके बाद अपने घी या तिल के तेल का दीपक जलाएं. फिर, भगवान शिव और भगवान विष्णु का पूजन पूरे विधि विधान के साथ करें. वहीं, देव दीपावली की शाम पूरे घर या घर के विशेष कोनों में दीपक प्रज्वलित करें. इसके बाद शिव चालीसा और विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें. फिर, अंत में आरती करें. 

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देव दीपावली का महत्व (Dev Deepawali Significance)

देव दीपावली के देव दिवाली के नाम से भी जाना जाता है. यह पर्व पवित्र नगरी वाराणसी में बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है. क्योंकि, इस दिन भगवान शिव की त्रिपुरासुर नामक दैत्य पर विजय प्राप्त की थी इसलिए देव दीपावली को त्रिपुरोत्सव अथवा त्रिपुरारी पूर्णिमा के रूप में भी जाना जाता है. देव दीपावली पर, भक्त कार्तिक पूर्णिमा के शुभ दिन गंगा में पवित्र डुबकी लगाते हैं तथा संध्याकाल में मिट्टी के दीप प्रज्वलित करते हैं. जब इस दिन शाम होती है, तो गंगा के सभी घाट लाखों दीयों से  जगमगा उठते हैं.

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