सीकर में फर्जी एस्कॉर्ट और मसाज सर्विस के नाम पर ठगी, तीन गिरफ्तार

सोशल मीडिया पर फर्जी एस्कॉर्ट और मसाज सर्विस के नाम पर लोगों से लाखों की ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश हुआ है. पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके पास से मोबाइल फोन और फर्जी एटीएम कार्ड बरामद किए हैं. आरोपियों की लोकेशन ट्रैक कर पकड़ा गया और उनके खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर आगे की जांच शुरू कर दी गई है.

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तीनों ठग गिरफ्तार (Photo: ITG) तीनों ठग गिरफ्तार (Photo: ITG)

सुशील कुमार जोशी

  • सीकर,
  • 21 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 10:42 PM IST

राजस्थान के सीकर में साइबर पुलिस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर सक्रिय एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है जो फर्जी एस्कॉर्ट और मसाज सर्विस के नाम पर लोगों को ठग रहा था. पुलिस ने इस कार्रवाई में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनके पास से छह मोबाइल फोन और कई फर्जी एटीएम कार्ड बरामद किए गए हैं.

कैसे करते थे ठगी?

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पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि आरोपी फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर फर्जी प्रोफाइल और पेज बनाते थे. इन पेजों पर आकर्षक विज्ञापन डालकर लोगों को एस्कॉर्ट और मसाज सर्विस का लालच दिया जाता था. जो भी व्यक्ति इनसे संपर्क करता, उससे एडवांस पेमेंट की मांग की जाती थी. अलग-अलग बहानों जैसे रजिस्ट्रेशन फीस, सर्विस चार्ज, सिक्योरिटी डिपॉजिट के नाम पर लगातार पैसे लिए जाते थे. कई लोग हजारों रुपए गंवाने के बाद ठगी का शिकार होने का एहसास करते थे.

तकनीकी जांच से मिला सुराग

साइबर थाने में लगातार शिकायतें मिल रही थीं. इसके बाद पुलिस ने संदिग्ध गतिविधियों की मॉनिटरिंग शुरू की. टीम ने तकनीकी जांच के जरिए फर्जी अकाउंट्स और मोबाइल नंबरों की लोकेशन ट्रैक की. इसी आधार पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने मनीष जाखड़ (रेनवाल किशनगढ़), विकास कुमार जाट (लोसल सीकर) और आर्यन जाट (जयपुर) को गिरफ्तार किया.

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डीएसपी ने क्या कहा ? 

साइबर थाने के डीएसपी अनुज डाल ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है. उन्होंने बताया कि आरोपी लिंक के जरिए लोगों को व्हाट्सएप पर जोड़ते थे और फिर एडवांस पेमेंट के नाम पर पैसे वसूलते थे. आगे की जांच में और लोगों के नाम सामने आने की संभावना है. पुलिस ने लोगों से अपील की है कि सोशल मीडिया पर ऐसे लिंक्स पर क्लिक न करें और किसी भी अनजान व्यक्ति को अपने बैंक अकाउंट या क्यूआर कोड शेयर न करें.

फिलहाल आरोपियों से पूछताछ जारी है और उनके नेटवर्क की जानकारी जुटाई जा रही है. पुलिस का मानना है कि इस तरह की ठगी के पीछे एक बड़ा गिरोह सक्रिय हो सकता है. सीकर साइबर पुलिस ने बड़ी सफलता हासिल की है. 

 

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