जोधपुर जिले के भोपालगढ़ में रविवार रात साटिया जाति की दो शादियां चर्चा का विषय बन गईं. यहां दो दूल्हों की बंदोली हाथी पर निकली और बंदोली में ऊंट-घोड़े भी शामिल थे. घोड़े बग्घियां खींच रहे थे और ऊंट नृत्य कर रहे थे. यह नजारा देखने के लिए पूरा नगर उमड़ पड़ा. लोग अपने मोबाइल से वीडियो बना रहे थे.
आमतौर पर इस इलाके में किसी की भी बंदोली हाथी, घोड़े और ऊंटों के साथ नहीं निकलती. लेकिन इस बार दृश्य अलग था. खास बात यह रही कि पूरे आयोजन में पुलिस का एक भी जवान मौजूद नहीं था. इससे पहले जब जोधपुर पुलिस ने एक दलित दूल्हे की बंदोली में सुरक्षा दी थी, तब माहौल तनावपूर्ण हो गया था. लेकिन इस बार साटिया समाज की बंदोली बिना किसी तनाव के निकली.
दो दूल्हों की बंदोली धूमधाम से निकली
साटिया जाति पारंपरिक रूप से पशु खरीदने और बेचने का काम करती है और शिक्षा के मामले में अभी भी काफी पिछड़ी मानी जाती है. शादी में शामिल दोनों दूल्हे, रामलाल और मुन्नाराम, सगे भाई हैं और दोनों मात्र साक्षर हैं. दोनों की दुल्हनें भी सगी बहनें हैं. इनमें से एक रेशमा साक्षर है जबकि दूसरी पूजा ग्रेजुएशन कर रही है.
साटिया जाति की दो शादियां चर्चा का विषय
पूजा साटिया समाज की पहली लड़की बताई जा रही है जो ग्रेजुएशन कर रही है. वह आगे भी पढ़ाई जारी रखना चाहती है. उसके परिवार का कहना है कि पूजा समाज की अन्य बेटियों के लिए प्रेरणा बनेगी और यह बदलाव की शुरुआत है.
अशोक शर्मा