अलवर: बाघिन एसटी-30 तीन शावकों के साथ खाना खाते दिखी, अठखेलियां देख लोग बोले- वाह, Video

सरिस्का टाइगर रिजर्व में पांडुपोल जाने वाले श्रद्धालुओं को बिना सफारी बुकिंग बाघिन एसटी-30 और उसके तीन शावकों का दुर्लभ दीदार हुआ. मां के साथ भोजन करते शावकों का वीडियो लोगों ने कैमरे में कैद किया. वन विभाग ने सुरक्षा के लिए तुरंत मौके पर कर्मचारियों को तैनात किया.

Advertisement
बाघिन एसटी-30 अपने शावकों के साथ (Photo: Representational) बाघिन एसटी-30 अपने शावकों के साथ (Photo: Representational)

हिमांशु शर्मा

  • अलवर ,
  • 17 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 9:33 PM IST

अलवर जिले के सरिस्का टाइगर रिजर्व में पांडुपोल हनुमान मंदिर जाने वाले श्रद्धालुओं को एक यादगार नजारा देखने को मिला. टहला गेट से कालीघाटी पांडुपोल जाने वाले रास्ते पर श्रद्धालुओं ने बिना किसी सफारी बुकिंग के बाघिन एसटी-30 और उसके तीन शावकों को देखा. यह नजारा किसी सरप्राइज से कम नहीं था, क्योंकि अक्सर हजारों रुपये खर्च कर सफारी करने के बाद भी पर्यटकों को बाघ के दर्शन नहीं होते.

Advertisement

श्रद्धालुओं ने देखा कि शावक अपनी मां के साथ भैंस का भोजन कर रहे थे और आसपास अठखेलियां कर रहे थे. यह दृश्य चमारी का बेरा के पास नजर आया, जहां पिछले साल मानसून में सुरक्षा दीवार टूट गई थी. इसी जगह बाघिन एसटी-30 ने अपने शावकों के साथ डेरा डाल रखा था.

श्रद्धालुओं ने बाघिन एसटी-30 और उसके तीन शावकों को देखा 

वन कर्मियों के अनुसार बाघिन ने पास के नाले के करीब भैंस का शिकार किया था. इसी कारण वह अपने तीनों शावकों के साथ वहीं मौजूद रही. रास्ते से गुजरने वाले कई वाहनों ने इस दुर्लभ दृश्य को अपने कैमरों में कैद किया. जैसे ही बाघिन और शावकों के सड़क के किनारे होने की सूचना मिली, वन विभाग सतर्क हो गया और मौके पर कर्मचारियों को तैनात किया गया.

विभाग का उद्देश्य था कि कोई पर्यटक उत्साह में आकर सेल्फी लेने की कोशिश न करे और किसी तरह का हादसा न हो. सफारी के लिए सुबह और शाम की पारियों में 37 जिप्सियां और एक कैंटर गए थे, जिनमें करीब 250 पर्यटक सवार थे. वहीं टहला गेट से पांडुपोल जाने वाले करीब 150 निजी वाहनों में लगभग 700 श्रद्धालुओं ने बाघों का दीदार किया. इस तरह सफारी पर्यटकों से तीन गुना ज्यादा श्रद्धालुओं को मुफ्त में यह अनुभव मिला.

Advertisement

बाघिन एसटी-30 को रणथंभौर से लाया गया था

वन विभाग के अनुसार रणथंभौर से लाई गई बाघिन एसटी-30 मार्च और अप्रैल में पहली बार शावकों के साथ नजर आई थी. वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर हिमांशु ने बताया कि यह पहला मौका है जब एसटी-30 अपने तीनों शावकों के साथ इस तरह खुले में पर्यटकों को दिखाई दी है. शावकों के जन्म के करीब नौ महीने बाद यह पहली साइटिंग मानी जा रही है. इन पलों के वीडियो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं.
 

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement