अलवर नगर निगम के राजस्व अधिकारी युवराज युधिष्ठिर मीणा और उनके दलाल मुकेश को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) जयपुर की टीम ने तीन लाख रुपये रिश्वत लेते हुए राजस्थान विधानसभा के गेट के पास से गिरफ्तार किया गया.
एसीबी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ओमप्रकाश किलानिया ने बताया कि युवराज मीणा ने टेंडर प्रक्रिया पूरी करने के लिए 5 लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी, लेकिन सौदा 3 लाख पर तय हुआ. शिकायत के बाद एसीबी ने मामले का सत्यापन किया, जिसमें आरोप सही पाया गया.
ACB ने राजस्व अधिकारी और उनके दलाल को अरेस्ट किया
शिकायतकर्ता ने बताया कि मंगलवार को युवराज मीणा और उनके दलाल मुकेश लगातार फोन और व्हाट्सएप कॉल के जरिए पैसे की मांग कर रहे थे. युवराज ने शिकायतकर्ता को जयपुर बुलाया और दिनभर उसे घुमाने के बाद रात में विधानसभा गेट के पास रिश्वत लाने को कहा.
जैसे ही शिकायतकर्ता वहां पहुंचा, दलाल मुकेश ने गाड़ी से उतरकर 3 लाख रुपये लिए. इसके तुरंत बाद एसीबी की टीम ने मुकेश को गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ में पता चला कि राजस्व अधिकारी पास ही दूसरी गाड़ी में मौजूद हैं.
इसके बाद एसीबी ने ट्रैफिक में गाड़ी को घेरकर युवराज मीणा को भी गिरफ्तार किया. दोनों आरोपियों से रातभर पूछताछ की गई. साथ ही एसीबी की टीमों ने उनके घर और ऑफिस पर दस्तावेज, फाइलें, लैपटॉप और मोबाइल की जांच की. दोनों को विशेष न्यायालय में पेश किया जाएगा.
फाइल वेरिफिकेशन के लिए मांगे थे 5 लाख रुपये
एसीबी ने बताया कि रेवेन्यू ऑफिसर युवराज मीणा कंपनी की फाइल को जानबूझकर रोक कर भुगतान में देरी कर रहा था. उसने फाइल वेरिफिकेशन के लिए पांच लाख रुपये की मांग की थी. शुरुआती किस्त के तौर पर तीन लाख रुपये देने की सहमति के बाद एसीबी ने युवराज मीणा को ट्रैप कर जाल बिछाया और उसे गिरफ्तार कर लिया. खास बात यह है कि विधानसभा गेट पर ज्योति नगर पुलिस थाना है और राजस्थान के सभी विधायकों का आवास का गेट भी इसके सामने है.
हिमांशु शर्मा