राजस्थान के सबसे बड़े कैंसर अस्पताल में चूहे ने जिस बच्ची का पैर का अंगूठा खाया था उसकी मौत हो गई है. अस्पताल प्रशासन ने कहा है कि चूहे द्वारा काटते हुए किसी ने नहीं देखा था. परिजनों का आरोप है कि कंबल उठाया तो अंदर से चूहा भागा, लेकिन अस्पतालकर्मियों को चूहा वार्ड में नहीं दिखा था. बच्ची थर्ड स्टेज कैंसर में आई थी, जिसको बचाया नहीं जा सका.
अस्पताल ने कहा- चूहे के काटने से नहीं हुई मौत
स्टेट कैंसर इंस्टिट्यूट के अधीक्षक डाक्टर संदीप जसूजा ने कहा कि मामले के जांच के आदेश दे दिए गए हैं, लेकिन बच्ची की मौत से इसका लेना देना नहीं है. सरकार ने चूहा द्वारा कुतरने की घटना को गंभीरता से लिया और सवाई मान सिंह अस्पताल के प्रिंसिपल दीपक महेश्वरी ने टीम के साथ दौरा किया. अस्पताल में एक साल से पेस्ट कंट्रोल नहीं हुआ था, लेकिन अब इसके आदेश दे दिए गए हैं. दिन भर अस्पताल में सफाई का काम चलता रहा.
क्या था मामला?
गौरतलब है कि गुरुवार की रात स्टेट कैंसर अस्पताल में एक बच्ची के पैर के अंगूठों को चूहे द्वारा कुतरने का मामला सामने आया था. चूहों के काट खाने से 10 साल के ब्ल्ड कैंसर से पीड़ित बच्ची के रोने पर जब परिजनों ने कंबल उठाकर देखा तो पैर के अंगूठे को चूहे खा रहे थे और उसके अंगूठे से खून निकल रहा था. परिजन भागकर डाक्टर के पास गए तो डाक्टरों ने नर्सिंग स्टाफ से पैर में दवा लगाकर पट्टी करा दी, मगर कैंसर के इस सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में इस तरह से इलाज में गंभीर लापरवाही पर किसी ने गंभीरता नहीं दिखाई थी.
11 दिसंबर को बच्ची को ऑनकोलॉजी विभाग से पेडियाट्रिक विभाग में शिफ़्ट किया गया था. रात को सोते हुए उसके साथ हादसा हुआ था. स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट यानी एससीआई अस्पताल में हर तरफ गंदगी होने की वजह से कुत्ते, बिल्ली और चूहे घूमते रहते हैं. निर्माण कार्य होने की वजह से सुरक्षाकर्मी भी नहीं हैं.
जुलाई 2023 में भी जोधपुर के एमडीएमए अस्पताल में एक मरीज का पैर चूहा कुतर गया था. मई 2022 में कोटा के एमबीएस अस्पताल में तो मरीज की आंख को चूहा कुतर गया था. वहीं, जयपुर के सवाई मान सिंह अस्पताल में शव को चूहा कुतर खाया था.
शरत कुमार