राजस्थान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच चल रही सियासी लड़ाई को खत्म करने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे जल्द ही दोनों नेताओं से मुलाकात कर सकते हैं. इसको लेकर खड़गे ने अशोक गहलोत को आज दिल्ली बुलाया है. इस बीच गहलोत ने कहा है कि आलाकमान और कांग्रेस पार्टी मजबूत है.
दरअसल गहलोत से पूछा गया था कि अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच चल रही सियासी लड़ाई को खत्म करने के लिए आलाकमान ने फॉर्मूला तैयार कर लिए हैं. इसके जवाब में सीएम ने कहा कि मैंने अपने जीवन में कभी भी कांग्रेस में ऐसी परंपरा नहीं देखी है कि कोई नेता कुछ मांगता है या आलाकमान उससे पूछता कि कि उसे कौन सा पद चाहिए.
सीएम गहलोत ने कहा कि आलाकमान और कांग्रेस पार्टी इतनी मजबूत है कि ऐसी स्थिति पैदा ही नहीं होगी कि आप किसी को मनाने की कोशिश कर रहे हैं. ऐसा न पहले कभी हुआ है और आगे कभी होगा.
इससे पहले जब 27 मई को गहलोत को दिल्ली आना था, तब भी उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हमारे यहां तो अनुशासन होता है. एक बार हाईकमान जो तय कर देता है, उस फैसले को सब मानते हैं. पहले सोनिया गांधी थीं, अब खड़गे साहब और राहुल गांधी हैं. ये नेता जब एक बार फैसला कर लेते हैं तो सभी लोग उनके फैसले को मानते हैं और सब अपने-अपने काम पर लग जाते हैं.
पायलट की मांगों पर एक्शन लेने का दबाव
कांग्रेस हाईकमान के पास राजस्थान कांग्रेस संगठन, गहलोत सरकार, मंत्री, विधायकों के बयान और भ्रष्टाचार के मामलों को लेकर कई तरह की रिपोर्ट पहुंची है. इसमें कई नेताओं, मंत्रियों की ओर से अपनी सरकार के खिलाफ दिए गए बयानों और आरोपों के वीडियो और लिखित वर्जन भी शामिल हैं. ऐसे में राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता में होने वाली बैठक राजस्थान के बड़े घटनाक्रम के संकेत दे रही है, क्योंकि करप्शन और पेपर लीक के मुद्दे पर पायलट के अल्टीमेटम में दो दिन का वक्त बचा है. 31 मई तक गहलोत सरकार पर पायलट की मांगों पर एक्शन लेने का दबाव है.
सचिन पायलट ने खोल रखा है मोर्चा
बता दें कि सचिन पायलट ने भ्रष्टाचार और पेपर लीक मामले को लेकर गहलोत सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. 31 मई तक गहलोत सरकार पर पायलट की मांगों पर एक्शन लेने का दबाव है. साथ ही पायलट और उनके खेमे के कांग्रेस विधायकों ने ऐलान कर रखा है कि उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो प्रदेश भर में गांव-ढाणी तक जाकर आंदोलन करेंगे.
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