राजस्थान हाईकोर्ट ने सोमवार को खुद को भगवान बताने वाले आसाराम की अंतरिम जमानत 1 जुलाई तक बढ़ा दी है. यह जमानत 2013 के रेप केस से जुड़ी हुई है. आसाराम ने 31 मार्च को जमानत खत्म होने के बाद 1 अप्रैल को जोधपुर सेंट्रल जेल में सरेंडर किया था. इसके बाद उसी रात उसे एक निजी आयुर्वेदिक अस्पताल में भर्ती कराया गया.
न्यायमूर्ति दिनेश मेहता और न्यायमूर्ति विनीत कुमार की खंडपीठ ने सुप्रीम कोर्ट की शर्तों के साथ उनकी जमानत बढ़ाई है. इसमें साफ कहा गया है कि आसाराम किसी तरह का प्रवचन नहीं देगा और न ही भक्तों की भीड़ जुटाएगा.
आसाराम की अंतरिम जमानत 1 जुलाई तक बढ़ी
2 अप्रैल को इस मामले की सुनवाई हुई थी. सरकारी वकील पीसी सोलंकी ने कोर्ट में आपत्ति जताई थी कि आसाराम ने इंदौर के आश्रम में प्रवचन दिए हैं. इसके समर्थन में उन्होंने वीडियो सबूत भी पेश किए थे. इस पर कोर्ट ने आसाराम से हलफनामा मांगा था.
सोमवार को आसाराम के वकील निशांत बोरा ने कोर्ट में हलफनामा जमा किया. इसके बाद कोर्ट ने जमानत बढ़ाने की उनकी मांग को स्वीकार कर लिया. बता दें, सुप्रीम कोर्ट ने 7 जनवरी को आसाराम को मेडिकल ग्राउंड पर 31 मार्च तक अंतरिम जमानत दी थी.
आसाराम को मेडिकल ग्राउंड पर मिली थी जमानत
आसाराम को 2013 के गांधीनगर रेप केस में जनवरी 2023 में उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी, पीड़िता सूरत की रहने वाली थी. गुजरात हाईकोर्ट ने भी 28 मार्च को सूरत रेप केस में उसे तीन महीने की अंतरिम जमानत दी थी.
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