रिटायर्ड फौजी ने बुजुर्ग से की ठगी, ब्याज का लालच देकर ऐंठा 20 लाख रुपये

राजस्थान के नागौर में पुलिस ने एक रिटायर्ड फौजी को गिरफ्तार किया है. आरोप है कि उसने 20 लाख रुपये की एक व्यक्ति से ठगी की. जानकारी यह भी सामने आई है कि आरोपी इससे पहले भी 6 करोड़ रुपये की ठगी कर चुका है.

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पुलिस गिरफ्तार में आरोपी रिटायर्ड फौजी. (Photo: Kesha Ram/ITG) पुलिस गिरफ्तार में आरोपी रिटायर्ड फौजी. (Photo: Kesha Ram/ITG)

केशाराम गढ़वार

  • नागौर,
  • 17 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 10:36 AM IST

राजस्थान के नागौर जिले में धोखाधड़ी का एक बड़ा मामला सामने आया है, जहां भारतीय सेना से रिटायर्ड एक व्यक्ति ने ब्याज के लालच में एक बुजुर्ग को फंसाकर 20 लाख रुपये ठग लिए. पुलिस थाना थांवला ने इस मामले में प्रभावी कार्रवाई करते हुए मुख्य आरोपी जगदीश सिंह को गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी पर पहले भी भोले-भाले लोगों से 6 करोड़ रुपये की ठगी का आरोप लग चुका है और वह उस मामले में भी गिरफ्तार हो चुका था.

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ऐसे दिया ठगी को अंजाम

पुलिस अधीक्षक मृदुल कच्छावा के निर्देशन में गठित स्पेशल टीम ने इस ऑपरेशन को अंजाम दिया. पीड़ित भंवर सिंह (68 वर्ष), जो राजपूत समुदाय से ताल्लुक रखते हैं, ने 14 जुलाई 2025 को थाने में शिकायत दर्ज कराई. उनकी रिपोर्ट के अनुसार आरोपी जगदीश सिंह (67 वर्ष), जो भारतीय सेना से रिटायर्ड फौजी है और भैरूंदा गांव का निवासी है, ने अपनी जान-पहचान का फायदा उठाया. जगदीश सिंह ने सेना में 15 साल की सेवा का हवाला देकर पीड़ित को विश्वास में लिया और कहा कि वह इनवेस्टमेंट और ब्याज का कारोबार करता है.

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जगदीश सिंह ने पीड़ित को प्रति सौ रुपये पर दो रुपये मासिक ब्याज देने का लालच दिया. इस झांसे में आकर भंवर सिंह ने 5 जुलाई 2022 को 20 लाख रुपये आरोपी को सौंप दिए. रिपोर्ट में बताया गया है कि जगदीश सिंह ने यह राशि अपनी पत्नी राजकंवर, पुत्र मंजीत सिंह और पुत्रवधू दुर्गेश कंवर के साथ मिलकर प्राप्त की. आरोपी ने पीड़ित की डायरी में खुद हाथ से एंट्री की और हस्ताक्षर किए, जबकि उसके परिवार के सदस्य मौके पर मौजूद रहते थे. इसके बाद राशि को घर में सुरक्षित स्थान पर रखा जाता था.

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शुरुआत में आरोपी ने 5 अक्टूबर 2022 से 5 मई 2023 तक हर महीने ब्याज दिया. जिससे पीड़ित का विश्वास और बढ़ गया. आरोपी परिवार लगातार अधिक निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करता रहा, लेकिन जून 2023 में जब पीड़ित ने पैसे वापस मांगे, तो जगदीश सिंह घर से गायब हो गया. उसके परिवार ने पैसे लौटाने से साफ इनकार कर दिया और कहा, "जो करना है कर लो, एक भी रुपया नहीं देंगे."

पहले भी 6 करोड़ की ठगी कर चुका है आरोपी

इस शिकायत पर थांवला पुलिस ने आईपीसी की धारा 420 (धोखाधड़ी) और 406 (आपराधिक विश्वासघात) के तहत मुकदमा नंबर 148/2025 दर्ज किया और जांच शुरू की. पुलिस अधीक्षक मृदुल कच्छावा (आईपीएस) के निर्देशन में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अशाराम चौधरी और वृताधिकारी जयप्रकाश बेनिवाल के सुपरविजन में थानाधिकारी अशोक कुमार जाट ने एक स्पेशल टीम गठित की. इस टीम ने आरोपी जगदीश सिंह को गिरफ्तार कर लिया.

पुलिस के अनुसार आरोपी पहले भी इसी तरह की ठगी के मामलों में लिप्त रहा है और भोले-भाले लोगों से 6 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी कर चुका है. जिसके लिए उसे गिरफ्तार किया जा चुका था. फिलहाल गिरफ्तारी के बाद आरोपी से पूछताछ जारी है और पुलिस उसके परिवार के अन्य सदस्यों—राजकंवर, मंजीत सिंह और दुर्गेश कंवर—की भूमिका की भी जांच कर रही है. पुलिस का कहना है कि यह मामला फाइनेंशियल फ्रॉड की बढ़ती प्रवृत्ति को दर्शाता है, जहां रिटायर्ड व्यक्ति या जान-पहचान वाले लोग विश्वास का फायदा उठाते हैं.

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