झालावाड़ में अंतरराज्यीय नकली नोट गिरोह का पर्दाफाश हुआ है. दरअसल, चंडीगढ़ पुलिस स्टेशन को सूचना मिली कि दो व्यक्ति लोगों को अपनी बातों में फंसाकर असली करेंसी के बदले नकली नोट बेचने की कोशिश कर रहे हैं. इस पर चंडीगढ़ क्राइम पुलिस ने छापेमारी कर दी. इस दौरान पहले आरोपी गौरव से 500 रुपये के 1,646 नकली नोट बरामद हुए, जिनकी कीमत लगभग 8 लाख 23 हजार रुपये आंकी गई. वहीं दूसरे आरोपी विक्रम के पास से 500 रुपये के 392 नकली नोट मिले, जिनकी कीमत लगभग 1 लाख 96 हजार रुपये थी.
जांच में पता चला कि ये नोट कोरियर के माध्यम से झालावाड़ भेजे जाते थे. गिरोह द्वारा कंसाइनमेंट बुक करते समय फर्जी नाम, पता और मोबाइल नंबर दिया जाता था, जिससे पकड़ना आसान नहीं था. पुलिस ने इस अंतरराज्यीय गिरोह के सरगना तक पहुंचने के लिए टीम का गठन किया और लगातार डेटा, CCTV फुटेज और सूचनाओं पर नजर रखी.
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विशेष टीम के प्रयासों से पता चला कि महिला आरोपी पिछले 4-5 महीने से झालरापाटन के चंद्रावती ग्रोथ सेंटर में किराए के मकान में अपने पति के साथ रह रही थी. महिला की पहचान करना आसान नहीं था, लेकिन शहर के 100 से अधिक CCTV कैमरे और कोरियर ट्रैकिंग के माध्यम से उसे चिन्हित किया गया.
झालावाड़ पुलिस ने चंडीगढ़ क्राइम टीम के सहयोग से मकान पर रेड की और तलाशी ली. इस दौरान कुल 12 लाख 20 हजार रुपये की फेक करेंसी बरामद की गई. आरोपी के पास से एक कलर प्रिंटर, लैपटॉप, कटर, स्याही और बड़ी संख्या में स्क्रीन फ्रेम इमेजर भी जब्त किए गए.
रेड के दौरान पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया. इनके नाम रजनी शा और जितेन्द्र शर्मा हैं. दोनों अब डिटेन होकर चंडीगढ़ टीम के साथ रवाना किए गए हैं. जांच में सामने आया कि यह गिरोह नोट छापने और उन्हें मार्केट में बेचने के लिए योजना बनाकर काम करता था. नकली नोट असली जैसे होते थे, जिससे सामान्य व्यक्ति आसानी से विश्वास कर लेता.
पुलिस अधीक्षक अमित कुमार ने कहा कि आरोपियों को पकड़ने के लिए विशेष टीम ने कई घंटे मेहनत की. कोरियर बुकिंग, CCTV फुटेज और सूचनाओं का विश्लेषण किया. इस प्रयास से ही महिला आरोपी की पहचान और गिरोह तक पहुंच संभव हो पाई. आगे की जांच में यह पता लगाया जाएगा कि यह गिरोह कितने और मामलों में शामिल रहा है.
फिरोज अहमद खान