राजस्थान के दौसा जिले के लालसोट थाने की पुलिस ने मानवीयता की मिसाल पेश की है. थाने में 22 वर्षों से सफाई का काम कर रही सुनीता देवी बाल्मीकि की तीन बेटियों की शादी 30 अप्रैल को हुई. इस मौके पर थाने के सभी पुलिसकर्मी मायरा लेकर सुनीता के घर पहुंचे.
थाना प्रभारी श्रीकिशन मीणा ने बताया कि सुनीता की आर्थिक स्थिति को देखते हुए थाने के सभी पुलिसकर्मियों ने तनख्वाह से पैसे इकट्ठा किए और मायरे में 1 लाख 11 हजार रुपये नकद, बेटियों के लिए साड़ियां, दूल्हों के सूट, परिवार के सभी सदस्यों के कपड़े, बर्तन और अन्य जरूरी सामान दिया.
पुलिसकर्मियों ने भरा मायरा
पुलिसकर्मी सुनीता के घर पहुंचे और बहन की तरह साड़ी उड़ाकर भात की रस्म अदा की. इसके बाद महिलाओं ने मंगल गीत गाए और सभी पुलिसकर्मी रस्मों में शामिल हुए. सुनीता ने भी पुलिस को अपने परिवार का हिस्सा मानते हुए उन्हें शादी में बुलाया था.
पुलिस का मानवीय चेहरा देख सभी हैरान
हरिजन मोहल्ले में जैसे ही पुलिसकर्मी मायरा लेकर पहुंचे, लोग देखने जमा हो गए. पुलिस के इस मानवीय कदम की चारों ओर सराहना हो रही है. थाना प्रभारी का कहना है कि सुनीता हमारे परिवार की सदस्य है, उसके सुख-दुख में साथ रहना हमारा फर्ज है.
हिमांशु शर्मा