ब्रेन सर्जरी से पहले ही हो गई मौत... भावुक कर देगी SMS हॉस्पिटल अग्निकांड में मारी गईं सर्वेश देवी की कहानी

जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल (SMS) में अग्निकांड की घटना में मरने वालों की संख्या 8 हो गई है. इस हादसे की जांच के लिए कमेटी गठित कर दी है. लेकिन हादसे ने कई सवाल भी खड़े कर दिए हैं.

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सर्वेश देवी, जिनकी सर्जरी से पहले ही हो गई मौत. (File Photo: Vishal Sharma/ITG) सर्वेश देवी, जिनकी सर्जरी से पहले ही हो गई मौत. (File Photo: Vishal Sharma/ITG)

विशाल शर्मा

  • जयपुर,
  • 06 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 1:20 PM IST

जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल (SMS) अग्निकांड मामले में जांच कमेटी बनाई गई है. लेकिन अभी तक किसी ने भी हादसे की जिम्मेदारी नहीं ली है. वहीं, अत्याधुनिक मेडिकल सुविधाओं का दावा करने वाले भी चुप्पी साधे हुए हैं. इस अग्निकांड में मारे गए 8 लोगों के शवों का पोस्टमार्टम किया जा रहा है, जिसमें 50 वर्षीय महिला सर्वेश देवी भी हैं.

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सर्वेश देवी को 4 दिन पहले ही परिजन एसएमएस अस्पताल लेकर पहुंचे थे. परिजनों को उम्मीद थी कि उनका अच्छा इलाज होगा. लेकिन नकारा सिस्टम ने उनकी जान ले ली. दरअसल मृतका का एक्सीडेंट हो रखा था और सिर के ऑपरेशन के लिए ट्रॉमा सेंटर के आईसीयू में एडमिट थी. लेकिन बीती रात हुए भयावह हादसे में उन्होंने भी दम तोड़ दिया.

यह भी पढ़ें: 'अपने हाथ से अपने भाई की बॉडी बाहर निकाली', जयपुर अग्निकांड की आपबीती प्रत्यक्षदर्शियों की जुबानी

भतीजे ने खुद बताई आपबीती

घटना के वक्त मृतका के भतीजे रमाकांत मौके पर ही मौजूद थे. उन्होंने खुद रविवार की काली रात का खौफनाक मंजर बयां किया है. रमाकांत ने बताया कि जब रात 11.30 बजे आग लगी थी तब वो मौसी के पास ही बैठे थे, उन्होंने नर्सिंग स्टाफ को सूचना दी लेकिन उन्होंने खाली धुआं देखकर अनसुना कर दिया. 

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इसके बाद जोरदार ब्लास्ट हुआ और चारों तरफ धुआं-धुआं हो गया. धुआं देख नर्सिंग स्टाफ वहां से भाग गया और कोई बचाने नहीं आया. जिससे सर्वेश देवी की भी मौत हो गई.

अचानक भड़की आग और धुआं-धुआं हुआ हॉस्पिटल

एसएमएस अस्पताल में रविवार देर रात ट्रॉमा सेंटर की दूसरी मंजिल स्थित ICU में अचानक आग लग गई. जिससे पूरे अस्पताल परिसर में अफरा-तफरी का माहौल बन गया. जब तक मरीज और हॉस्पिटल के स्टाफ कुछ समझ पाते, तब तक आग पूरे हॉस्पिटल में फैल गई और मरीजों व तिमारदारों में भगदड़ मच गई.

लोग अपने-अपने मरीजों को बेड सहित सड़कों पर लेकर भागे. जैसे ही आग की सूचना मिली, अस्पताल प्रशासन और दमकल विभाग हरकत में आ गया. मौके पर दमकल की कई गाड़ियां पहुंची और आग पर काबू पाने के प्रयास शुरू किए गए.

इसके बाद अस्पताल कर्मचारियों की मदद से पुलिस ने ICU में भर्ती गंभीर मरीजों को बेड सहित बाहर लाया गया, जबकि बाकी मरीजों को सुरक्षित वार्डों में शिफ्ट किया गया. जानकारी के अनुसार आग इतनी तेज थी कि कुछ ही मिनटों में ICU का पूरा इलाका धुएं से भर गया. फिलहाल आग पर काबू पा लिया गया है. लेकिन सवाल अब भी यही है कि आखिर इन मौतों का जिम्मेदार कौन है? 
 

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