राजस्थान के हनुमानगढ़ में टिब्बी के पास अब एथनॉल प्लांट नहीं लगेगा. किसानों के प्रदर्शन के बाद कंपनी ने बड़ा फैसला लिया है. अब कंपनी राजस्थान से बाहर जाएगी. कंपनी के इस फैसले को आंदोलित किसानों की बड़ी जीत के रूप में देखा जा रहा है.
किसान महासभा ने बताया इसे बड़ी जीत
एथनॉल फैक्ट्री के सीनियर मैनेजर जय प्रकाश शर्मा ने बताया कि हमने कंपनी को अब राज्य से बाहर लगाने का फैसला लिया है. किसान सभा के जिला सचिव मंगेज चौधरी ने कहा कि ये जनता की जीत है. ये किसान के ऐतिहासिक संघर्ष की जीत है. लेकिन लड़ाई जारी रहेगी. जब तक किसानों पर दर्ज मुकदमे वापिस नहीं होते.
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आपको बता दें कि टिब्बी शहर में प्रस्तावित इथेनॉल प्लांट के विरोध में बुधवार से ही किसान हनुमानगढ़ में प्रदर्शन कर रहे थे. स्थानीय कांग्रेस नेताओं के सपोर्ट से यह महापंचायत चंडीगढ़ की एक कंपनी द्वारा राठी खेड़ा इलाके में इथेनॉल फैक्ट्री के निर्माण का विरोध करने के लिए हो रही थी.
किसानों का आरोप है कि फैक्ट्री से इलाके में प्रदूषण फैल सकता है और ग्राउंडवाटर खराब हो सकता है. जिसके बाद फॉरेस्ट एंड एनवायरनमेंट डिपार्टमेंट ने प्रस्तावित फैसिलिटी से संभावित ग्राउंडवाटर खराब होने और प्रदूषण की जांच के लिए एक कमेटी बनाई थी. कमेटी को बीकानेर डिविजन कमिश्नर हेड करेंगे, जिसमें फॉरेस्ट एंड एनवायरनमेंट के स्पेशल सेक्रेटरी मेंबर सेक्रेटरी होंगे.
10 दिसंबर को किसानों ने गिरा दी थी कंपनी की बाउंड्री वॉल
अतिरिक्त सदस्यों में हनुमानगढ़ डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर, पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के सीनियर एनवायरनमेंटल इंजीनियर और ग्राउंडवाटर डिपार्टमेंट के चीफ इंजीनियर शामिल हैं. कमेटी अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपेगी. हालांकि किसान इथेनॉल प्लांट के लिए मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग (MoU) को रद्द करने की मांग कर रहे थे. साथ ही वे किसानों के खिलाफ दर्ज केस वापस लेने और टिब्बी में हुई झड़पों के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की भी मांग कर रहे हैं.
लेकिन अब कंपनी ने फैसला लिया है कि प्लांट को राज्य से बाहर लगाया जाएगा. जुलाई में जब कंपनी ने बाउंड्री वॉल बनाना शुरू किया तो प्रोजेक्ट के खिलाफ प्रोटेस्ट तेज हो गया. 10 दिसंबर को किसानों ने टिब्बी SDM ऑफिस के सामने एक बड़ी सभा भी की. शाम तक सैकड़ों किसान ट्रैक्टर लेकर फैक्ट्री साइट पर पहुंच गए और बाउंड्री वॉल गिरा दी व पुलिस से भिड़ गए.
गुलाम नबी