जोधपुर: पाक विस्थापित हिंदुओं के घरों पर चला बुलडोजर, 23 दिन बाद भी सरकार ने नहीं ली सुध

राजस्थान में रह रहे पाक विस्थापित हिंदुओं की बस्ती पर जोधपुर विकास प्राधिकरण ने बुलडोजर चला दिया. करीब 40 से 50 घरों को तोड़ दिया गया है. पाक विस्थापित हिंदुओं का आरोप है कि राजस्थान सरकार ने बिना नोटिस दिए यह कार्रवाई की है. इस मामले में 23 दिन बाद भी सरकार ने उन लोगों की सुध नहीं ली है.

Advertisement
खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर पाक विस्थापित हिंदु परिवार. खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर पाक विस्थापित हिंदु परिवार.

अशोक शर्मा

  • जोधपुर,
  • 18 मई 2023,
  • अपडेटेड 4:08 PM IST

राजस्थान के जोधपुर में पाक विस्थापित हिंदुओं की बस्ती पर 24 अप्रैल को बुलडोजर चलाया गया. जोधपुर विकास प्राधिकरण के आदेश पर पाक विस्थापित करीब 40 से 50 हिंदुओं के घरों को तोड़ा गया. इस कारण राजस्थान की गहलोत सरकार को सोशल मीडिया पर ट्रोल भी किया गया. वहीं, बिना नोटिस दिए की गई इस कार्रवाई पर सरकार का विरोध भी हुआ.

Advertisement

जानकारी के मुताबिक, 23 दिन बीत जाने के बाद भी पाक विस्थापित हिंदुओं की सुध लेने के लिए कोई नहीं आया. हालांकि, कुछ एनजीओ इनके रहने खाने-पीने की व्यवस्था कर रहे हैं. यह मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ और अब जैसलमेर में एक बार फिर राजस्थान सरकार ने पाकिस्तान से आए 40 से 50 हिंदुओं के घर उजाड़ दिए. 

खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर विस्थापित 

बुधवार को पाक विस्थापित हिंदुओं की बस्ती में 'आजतक' की टीम ने जायजा लिया. इस दौरान करीब 40 से 50 घर टूटे हुए मिले. उनके परिवार खुले आसमान के नीचे रह रहे थे. पाक विस्थापित हिंदू रोशन भील ने बताया कि पाकिस्तान में प्रताड़ित होकर हम भारत आए हैं. अब हम वापस पाकिस्तान नहीं जाना चाहते हैं.

मगर, यहां पर भी सरकार ने बुलडोजर चलाकर हमारे घर को तोड़ दिया है. हम सरकार से आग्रह करते हैं कि हमारे रहने की व्यवस्था करें. वहीं, पाक विस्थापित हिंदू मजना ने बताया कि पाकिस्तान से आए तीन साल हो चुके हैं. अभी तक हमें नागरिकता नहीं मिली है.

Advertisement

भारत में मजदूरी कर कर रहे हैं गुजारा 

सरकार हमें कुछ भी दे या न दे, लेकिन हमें कम से कम रहने की जगह तो दे. पाकिस्तान से आए केवल राम ने भी बताया कि हम साल 2015 में भारत आए थे. हम गरीब थे, हमारे पास बिल्कुल भी पैसा नहीं था. अब भारत में मजदूरी कर अपना गुजर बसर कर रहे हैं.

केवल राम ने आगे बताया कि यहां पर 70 हजार रुपये देकर हम रह रहे हैं. हमने पैसा इकट्ठा कर मकान बनाए, लेकिन हमारे घरों को तोड़ दिया गया. हम पाकिस्तान में भी दुखी थे और अब भारत में भी दुखी हैं. हमें अभी तक नागरिकता नहीं मिली है.

वहीं, पाक विस्थापित रामचंद्र ने बताया कि हमें भारत आए हुए तीन महीने हो गए हैं. हम यहां पर अभी मजदूरी कर रहे हैं. हमारे घर को बिना नोटिस दिए जोधपुर विकास प्राधिकरण ने तोड़ दिया है. मगर, आज भी सरकार की ओर से कोई नुमाइंदा इन लोगों की मदद के लिए आगे नहीं आया है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement