अलवर: सड़क हादसे में जवान की मौत, आठ साल के बेटे ने दी मुखाग्नि

अलवर में भारतीय सेना के जवान ईश्वर प्रसाद (36) की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई. शुक्रवार को उनका पार्थिव शरीर पैतृक गांव पहुंचा, जहां हजारों ग्रामीणों ने नम आंखों से अंतिम विदाई दी. राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया और आठ वर्षीय बेटे रजत ने पिता को मुखाग्नि दी. पूरे गांव में तिरंगा यात्रा निकाली गई और भारत माता की जय के नारे गूंजे.

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राजकीय सम्मान के साथ जवान का अंतिम संस्कार (Photo: Screengrab) राजकीय सम्मान के साथ जवान का अंतिम संस्कार (Photo: Screengrab)

हिमांशु शर्मा

  • अलवर,
  • 29 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 9:26 PM IST

राजस्थान के अलवर में भारतीय सेना के जवान ईश्वर प्रसाद (36) की सड़क हादसे में जान चली गई. उनकी मौत की खबर से परिवार और पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई. शुक्रवार को जब उनका पार्थिव शरीर गांव पहुंचा तो हजारों ग्रामीण अंतिम दर्शन के लिए उमड़ पड़े. इस दौरान तिरंगा यात्रा भी निकाली गई, जिसमें 'भारत माता की जय' और 'ईश्वर प्रसाद अमर रहें' के नारे गूंजे.

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ड्यूटी से लौट रहे जवान की हादसे में मौत

ईश्वर प्रसाद हरियाणा के हिसार स्थित 294 आर्म्ड वर्कशॉप बटालियन में तैनात थे. सात अगस्त को वो ड्यूटी पूरी कर रात करीब नौ बजे अपने क्वार्टर लौट रहे थे. रास्ते में अचानक सड़क पर नीलगाय का झुंड आ गया. बाइक सवार ईश्वर की टक्कर नीलगाय से हो गई, जिससे वो गंभीर रूप से घायल हो गए. पहले उन्हें हिसार के अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन हालत बिगड़ने पर दिल्ली आर्मी हॉस्पिटल रेफर किया गया. बुधवार रात करीब दस बजे इलाज के दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली.

शुक्रवार को पैतृक गांव पहुंचने पर पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. उनके आठ साल के बेटे रजत ने पिता को मुखाग्नि दी. यह भावुक क्षण देखकर वहां मौजूद हर किसी की आंखें नम हो गईं. मृतक जवान के परिवार में पत्नी बिंदिया (34), बेटा रजत (8) और बेटी रितु (6) हैं. उनके पिता रामनिवास भी पूर्व सैनिक हैं, जबकि मां सरला देवी गृहिणी हैं.

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राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार

जवान के अंतिम संस्कार में बटालियन 343 एफडी रेजीमेंट अलवर (इटाराना) से नायब सूबेदार दलीप सिंह, हवलदार अमित शर्मा, हवलदार धर्मेंद्र, नायक राजेंद्र राणा, नायक नागा, हवलदार धर्मपाल, नायक रोहित राणा और नायक केपी सिंह सहित कई सैनिक पहुंचे और सलामी दी. वहीं, 633 बटालियन के सूबेदार बीरपाल ने बताया कि हादसा पूरी तरह अप्रत्याशित था, क्योंकि अचानक नीलगाय का झुंड सड़क पर आ गया था.

गांव में जवान को अंतिम विदाई देने के लिए जनसैलाब उमड़ा और लोग नम आंखों से श्रद्धांजलि देते रहे. पूरा इलाका शोकाकुल माहौल में डूब गया और परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा.

 

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