जयपुर को दहला देने वाले 2008 बम ब्लास्ट केस में सजा का ऐलान हो गया है. जिंदा बम मिलने के मामले में दोषी करार दिए गए चारों आतंकियों- सरवर आज़मी, सैफुर रहमान, मोहम्मद सैफ और शाहबाज अहमद को अदालत ने आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई है.
4 अप्रैल को जज रमेश जोशी ने चारों आरोपियों को दोषी ठहराया था. 2008 में हुए इन सीरियल धमाकों में 71 लोगों की जान चली गई थी और 185 से ज्यादा लोग घायल हुए थे. इस मामले में 17 साल बाद सजा का ऐलान हुआ है. यह फैसला पीड़ितों और उनके परिजनों के लिए बड़ी राहत माना जा रहा है.
धमाकों में किया गया था साइकिलों का इस्तेमाल
बता दें कि 13 मई 2008 को जयपुर में ये धमाके शाम 7:20 बजे से 7:45 बजे के बीच करीब 15 मिनट के अंतराल में हुए थे. बम धमाके अलग-अलग जगहों पर हुए थे. एक जिंदा बम चांदपोल हनुमान मंदिर के पास मिला, जिसे निष्क्रिय कर दिया गया था.
धमाकों में साइकिलों का इस्तेमाल किया गया, उनमें बम लगाए गए थे. इंडियन मुजाहिदीन ने इस ब्लास्ट की जिम्मेदारी ली थी. एटीएस की थ्योरी के मुताबिक 2008 में 12 आतंकी दिल्ली से बस से बम लेकर जयपुर आए थे.
दिल्ली से जयपुर पहुंचे थे आतंकी
जयपुर में ही उन्होंने 9 साइकिलें खरीदीं और इन्हीं साइकिलों में बम लगाकर टाइम सेट करके अलग-अलग जगहों पर खड़ी कर दी थीं. इसके बाद आतंकी शताब्दी एक्सप्रेस से दिल्ली आ गए थे. आतंकियों ने 9 बम लगाए थे, जिनमें 8 बम तो 15 मिनट में फट गए थे, लेकिन नौवें बम को एक गेस्ट हाउस के पास प्लांट किया गया था. इसके फटने का समय अन्य ब्लास्ट से डेढ़ घंटे बाद का था. बम डिफ्यूजन स्क्वाड ने इसे फटने के टाइम के कुछ मिनट पहले डिफ्यूज कर दिया था.
विशाल शर्मा