मैं भाग्य हूं... आप मुझे अपनी सफलता और विफलता का करण मानते हैं. पर सच तो कुछ और है. दरअसल मेरे भरोसे रहने वालों का साथ मैं तो क्या ईश्वर भी नहीं देते. कहते हैं इंसान अपनी जिंदगी में आगे अपने कर्मों से बढ़ता है और सत्य यह भी कि आपके कर्मों के फल मेरा निर्माण भी करते हैं.