बिहार में तीन महीने के भीतर जब एसआईआर की प्रक्रिया में 77 हजार 895 बीएलओ यानी बूथ लेवल ऑफ़िसर लगे तो कहीं से ये खबर नहीं आई कि BLO पर बहुत दबाव है. वो दबाव में पद छोड़ रहे हैं. बिहार से ऐसी दुखद खबर भी नहीं आई कि किसी तरह के वोटर रिवीजन प्रक्रिया का फॉर्म देने, लेने, डेटा भरने के दबाव में वो खुदकुशी कर रहे हैं. लेकिन फिर ऐसा क्या है कि देश के बारह राज्यों में जब 51 करोड़ मतदाताओं की एसआईआर प्रक्रिया शुरु होती है तो देश के अलग अलग राज्यों से BLO के काम के दबाव में जान देने, या फिर अधिकारियों की तरफ से दबाव के आरोप लगाकर नौकरी छोड़ने, काम छोड़ने की खबरें आ रही हैं.