महर्षि वाल्मिकी रामायण में इस प्रसंग का उल्लेख करते हुए बताते हैं कि जब मंथरा की बातों से राजा दशरथ की तीसरी पत्नी कैकेयी को ऐसा लगने लगा था कि, अगर भगवान श्री राम अयोध्या के राजा बन गए तो राजा भरत को कभी अयोध्या का राजपाट नहीं मिलेगा तो कैकेयी विचलित हो गई थी। कैकेयी की इसी मनोदशा को देखते हुए मंथरा ने उन्हें ये बताया था कि राजकीय नियम के अनुसार अगर कोई सम्पत्ति या राजपाट 14 वर्षों तक किसी व्यक्ति के पास रहे तो वो व्यक्ति उस सम्पत्ति और राजपाट का सदैव के लिए स्वामी हो जाता है.