गिरफ्तारी से हेमंत सोरेन को फायदे और नुकसान दोनों हुए, लेकिन केजरीवाल के केस में क्‍या?

हेमंत सोरेन जानते थे गिरफ्तारी तय है. अरविंद केजरीवाल भी अपनी गिरफ्तारी पक्की मान रहे हैं. जैसे हेमंत सोरेन ने पूरा वक्त लिया, अरविंद केजरीवाल भी ले रहे हैं. हेमंत सोरेन ने गिरफ्तार होने से पहले एक वीडियो जारी कर समर्थकों को संदेश भी दिया है - सवाल है कि क्या ईडी के अधिकारी केजरीवाल को भी ऐसा मौका देंगे?

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क्या अरविंद केजरीवाल को भी ईडी के अफसर हेमंत सोरेन जितना मौका देंगे? क्या अरविंद केजरीवाल को भी ईडी के अफसर हेमंत सोरेन जितना मौका देंगे?

मृगांक शेखर

  • नई दिल्ली,
  • 02 फरवरी 2024,
  • अपडेटेड 3:33 PM IST

हेमंत सोरेन ने ED की गिरफ्तारी को सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज किया था, लेकिन कोई तात्कालिक राहत नहीं मिल पाई है. ये लड़ाई लंबी चलेगी, और मुमकिन है ऐसे ही बार बार निराश होना पड़े. जाहिर है, गिरफ्तार किये जाने से पहले हेमंत सोरेन को भी इन चीजों का अच्छे से अंदाजा होगा - और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ऐसे हर अपडेट को फॉलो कर रहे होंगे. वैसे अरविंद केजरीवाल का अनुभव संसार हेमंत सोरेन के मुकाबले बड़ा है, मनीष सिसोदिया और संजय सिंह का मामला तो उनके सबसे करीब है. 

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सुप्रीम कोर्ट ने हेमंत सोरेन की याचिका पर सुनवाई से ही इनकार कर दिया, ये कहते हुए कि आप हाई कोर्ट न जाकर सीधे क्यों आ गये? हेमंत सोरेन के वकील ने अपनी दलील में मामला मुख्यमंत्री का होने की दुहाई दी, जिस पर कोर्ट का कहना था, अदालत सबके लिए खुली है... अगर एक को सुनवाई की अनुमति देंगे तो सबको देनी होगी.

अपनी याचिका में हेमंत सोरेन ने गिरफ्तारी को अनुचित, मनमाना और मौलिक अधिकारों का उल्लंघन घोषित करने की गुजारिश की थी. प्रवर्तन निदेशालय ने हेमंत सोरेन को अवैध जमीन कब्जा, और भू-माफिया के साथ रिश्तों से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार किया है. 

झारखंड के मुख्यमंत्री रहे हेमंत सोरेन की ही तरह दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भी लगातार नोटिस मिल रहे हैं. दिल्ली शराब नीति घोटाला केस में मिले ईडी के पांचवें नोटिस को भी अवैध बताते हुए अरविंद केजरीवाल ने पेश होने से इनकार कर दिया है - और बीजेपी के खिलाफ दिल्ली में सड़क पर उतर चुके हैं. 

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हेमंत सोरेन ने अपनी तरफ से गिरफ्तारी टालने के लिए तमाम कोशिशें की थी, अरविंद केजरीवाल भी बिलकुल वैसे ही प्रयास कर रहे हैं. हेमंत सोरेन ने पहला नोटिस मिलने से लेकर गिरफ्तारी की नौबत आने तक के बीच के वक्त का पूरा इस्तेमाल किया है, और जाने से पहले एक वीडियो संदेश भी छोड़ गये हैं - अरविंद केजरीवाल भी लगातार प्रयासरत हैं, लेकिन क्या उनको भी राजनीतिक फायदा उठाने का मौका मिल सकेगा?

गिरफ्तारी से हेमंत सोरेन को फायदा मिलेगा क्या? 

आदिवासी समुदाय से आने वाले हेमंत सोरेन हमेशा ही अपने समाज के हक की आवाज उठाते रहे हैं. साथ ही, सरना आदिवासी धर्म कोड का मुद्दा भी जोर शोर से उठाते रहे हैं. बिरसा मुंडा और बाबा साहेब अंबेडकर को अपना आदर्श मानने वाले हेमंत सोरेन के चुनाव जीतने के बाद साइकिल चलाते देखा गया था. जब वो तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हुई तो लोग उसे जीत का जश्न मनाने के रूप में देख रहे थे, और उनकी सादगी की चर्चा हो रही थी. 

तब हेमंत सोरेन ने ट्विटर (अब एक्स) पर लिखे एक संदेश में खुद को बधाई देने के लिए गुलदस्ते की जगह किताबें देने का आग्रह किया था, ये कहते हुए कि तोहफे में मिले फूलों को संभाल पाना उनके लिए मुश्किल होता है. 

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हेमंत सोरेन का कहना था, साथियों, मैं अभिभूत हूं आप झारखंडवासियों के प्यार और सम्मान से... मैं आप सबसे एक करबद्ध प्रार्थना करना चाहूगा कि कृपया मुझे फूलों के 'बुके' की जगह ज्ञान से भरे 'बुक'... मतलब अपने पसंद की कोई भी किताब दें... मुझे बहुत बुरा लगता है की मैं आपके फूलों को सम्भाल नहीं पाता.'
 
बधाई देने वालों से हेमंत सोरेन की अपील थी कि किताबों पर लोग अपना नाम जरूर लिखें ताकि 'जब हम आपकी किताबों को सम्भाल कर एक लाइब्रेरी बनवाएं... तो आपका प्रेम भरा उपहार हमेशा हम सभी का ज्ञानवर्धन करेगा.

ऐसी ही इमोशन अपील हेमंत सोरेन ने JMM विधायकों के नाम लिखे एक पत्र में भी की है. विधायकों से हेमंत सोरेन ने कहा है कि उनकी गैरमौजूदगी में वे लोग उनके पिता और मां का ख्याल रखें, क्योंकि उनकी सेहत ठीक नहीं है. 

विधायकों को लिखे पत्र में हेमंत सोरेन ने JMM नेता चंपई सोरेन को विधायक दल का नेता मनोनीत किये जाने की भी जानकारी दी है. खास बात ये है कि चंपई सोरेन का नाम पत्र में हाथ से लिखा गया है, जो मुख्यमंत्री पद को लेकर पार्टी और परिवार में मचे कलह का सबूत है. 
 
हेमंत की गिरफ्तारी के बाद चंपई सोरेन को राज्यपाल की तरफ से शपथग्रहण का समय न दिये जाने को लेकर JMM के साथ साथ विपक्ष भी मुद्दा बना रहा था, लेकिन चंपई सोरेन के मुख्यमंत्री बन जाने के बाद वो मामला तो सुलझ गया है, लेकिन वो यूं ही नहीं सुलझा है. बेशक हेमंत सोरेन अपनी पत्नी कल्पना सोरेन को कुर्सी नहीं सौंप सके, लेकिन चंपई सोरेन का नाम सोच समझ कर ही आगे बढ़ाया है. 

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गिरफ्तारी से पहले हेमंत सोरेन ने एक वीडियो भी जारी किया है. कहा है, मुझे गिरफ्तार का डर नहीं है क्योंकि मैं शिबू सोरेन का बेटा हूं, संघर्ष हमारे खून में हैं... हम संघर्ष करेंगे, लड़ेंगे और जीतेंगे... फर्जी कागज के आधार पर उनकी गिरफ्तारी की जा रही है, लेकिन आज नहीं तो कल सत्य की विजय होगी.

कुल मिलाकर हेमंत सोरेन ने गिरफ्तारी से पहले पूरा वक्त लिया, और अपने लोगों को ये समझाने की कोशिश की कि राजनीतिक वजहों से उनको फंसाया जा रहा है. जब गिरफ्तारी से बचने का कोई उपाय नहीं सूझ रहा था, तो हेमंत सोरेन अपने वोटर को लगातार समझाने की कोशिश कर रहे थे कि बीजेपी उनके खिलाफ इसलिए साज़िश रच रही है क्योंकि वो आदिवासी समुदाय से आते हैं.

आदिवासी समाज के लिए उनका कमिटमेंट तब भी देखने को मिला जब राष्ट्रपति चुनाव में झारखंड की राज्यपाल रह चुकीं द्रौपदी मुर्मू को एनडीए ने अपना उम्मीदवार बना दिया. विपक्षी खेमे में होते हुए भी, कोविड के दौरान मोदी सरकार से तीखी तकरार करने वाले हेमंत सोरेन ने आदिवासी समाज के लिए एनडीए के उम्मीदवार का सपोर्ट किया. 

एक बार विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर जोहार के साथ अपने भाषण की शुरुआत करते हुए हेमंत सोरेन कह रहे थे, कुछ लोगों को तो आदिवासी शब्द से भी चिढ़ है... वे हमें वनवासी कह कर पुकारना चाहते हैं. हेमंत सोरेन असल में बीजेपी को टारगेट कर रहे थे, क्योंकि आरएसएस का वनवासी कल्याण आश्रम आदिवासियों के बीच इसी नाम से काम करता है. 

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केजरीवाल को सही मौके की तलाश है

अरविंद केजरीवाल को 2 फरवरी को ही प्रवर्तन निदेशालय के सामने पेश होना था, लेकिन उसे ठुकरा कर वो दिल्ली की सड़कों पर केंद्र में सत्ताधारी बीजेपी के खिलाफ मुहिम चला रहे हैं. केजरीवाल को मिले पांचवे नोटिस के बाद आम आदमी पार्टी का कहना है, मोदी जी का मकसद अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार करना है... और ऐसा करके वो दिल्ली की सरकार गिराना चाहते हैं... हम ये कतई नहीं होने देंगे.

अरविंद केजरीवाल ने भी सोशल साइट X पर लिखा है, पहले चंडीगढ़ मेयर चुनाव में वोट चोरी किये... अब उसके खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने आ रही जनता को जगह जगह दिल्ली भर में रोका जा रहा है. AAP कार्यकर्ताओं के साथ सड़क पर उतरे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के भाषण में भी ये बात सुनी जा सकती है. 

महुआ मोइत्रा के खिलाफ अपनी मुहिम को अंजाम तक पहुंचाने में कामयाब रहे बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे का दावा है कि हेमंत सोरेन को दिल्ली से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ही सड़क के रास्ते भगाया था. बीजेपी सांसद का दावा है कि अरविंद केजरीवाल ने हेमंत सोरेन को वाराणसी तक पहुंचने में मदद की, और वहां से वो रांची पहुंचे.  

एक और बीजेपी सांसद हरनाथ सिंह यादव का कहना है कि ईडी की गिरफ्तारियां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम का नतीजा है, और अगला नंबर अरविंद केजरीवाल का है. उत्तर प्रदेश से राज्य सभा सांसद हरनाथ यादव कहते हैं, 'आदरणीय मोदी ने जो भ्रष्टाचार के खिलाफ जो मुहिम चलाई है, उसी कड़ी में तमाम लोग जाल में फंस रहे हैं... ईडी की जो कार्रवाई है वो एकदम सही है... आगे मुझे लगता है कि केजरीवाल जी का नंबर है.

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