ममता बनर्जी ने तो वक्फ कानून लागू नहीं करने का वादा किया है, फिर बंगाल में विरोध क्यों हो रहा है?

वक्फ बिल और उसके बाद कानून के विरोध की आवाजें देश के अलग अलग हिस्सों में भी सुनाई पड़ी हैं, लेकिन पश्चिम बंगाल में विरोध हिंसक रूप क्यों ले लेता है? वो भी तब जबकि ममता बनर्जी खुद वक्फ कानून के खिलाफ खुलकर खड़ी हो गई हैं.

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ममता बनर्जी को तो साफ साफ बता देना चाहिये कि मुर्शिदाबाद हिंसा के पीछे कौन है? ममता बनर्जी को तो साफ साफ बता देना चाहिये कि मुर्शिदाबाद हिंसा के पीछे कौन है?

मृगांक शेखर

  • नई दिल्ली,
  • 17 अप्रैल 2025,
  • अपडेटेड 12:41 PM IST

वक्फ कानून के खिलाफ शुरू हुई पश्चिम बंगाल हिंसा पर काबू पा लिया गया है. हिंसा के बाद पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में फिलहाल तनावपूर्ण शांति बताई जा रही है. रिपोर्ट के मुताबिक, मुर्शिदाबाद के धुलियान से पलायन कर चुके 500 से ज्यादा लोग अब वापस आ रहे हैं.

वक्फ कानून के पक्ष और विपक्ष में सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गई हैं. वक्फ कानून के पक्ष में 7 राज्यों की सरकारें भी सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई हैं. ये सरकारें हैं - महाराष्ट्र, असम, राजस्थान, छत्तीसगढ़, हरियाणा, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड की. 

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अपनी याचिकाओं में राज्य सरकारों ने वक्फ कानून के खिलाफ दाखिल याचिकाओं का विरोध किया है, और सुप्रीम कोर्ट से मांग की है कि सुनवाई के दौरान उनको भी अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाये. बीजेपी और एनडीए शासित ये राज्य सरकारें नये वक्फ कानून को पारदर्शी, न्यायपूर्ण और व्यावहारिक बता रही हैं. 

वक्फ कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने वालों में आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी की पार्टी YSRCP भी शामिल हो चुकी है. YSRCP से पहले CPI, AIMIM ने भी याचिका दाखिल की है. कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद और टीवीके नेता विजय के साथ ही ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, जमीयत उलमा-ए-हिंद और ऑल केरल जमीयत-उल-उलेमा जैसे मुस्लिम संगठनों की तरफ से भी विरोध में याचिकाएं दाखिल की गई हैं. 

सपोर्ट और मुखालफत की बातें तो समझ में आती हैं, लेकिन सवाल ये उठता है कि पश्चिम बंगाल में ही वक्फ कानून का हिंसक विरोध क्यों हो रहा है?

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विरोध तो वक्फ बिल का बिहार में भी हो रहा था, और लालू यादव जैसे नेता बेटे तेजस्वी यादव के साथ धरना स्थल पहुंच कर विरोध का समर्थन भी किया था. विरोध की ऐसी आवाजें देश के अलग अलग हिस्सों से भी सुनाई पड़ी हैं, लेकिन पश्चिम बंगाल में ये विरोध हिंसक रूप क्यों ले लेता है?

मुर्शिदाबाद में हमला करने वाले कौन?

पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में 10-12 अप्रैल के बीच हुई हिंसा को लेकर स्थानीय प्रशासन का दावा है कि हिंसा प्रभावित धुलियान में हालात काबू में हैं, और लोग धीरे-धीरे काम पर लौटने लगे हैं. ये भी बताया गया है कि धुलियान से पलायन कर चुके लोग वापस आ रहे हैं.

बताते हैं कि हिंसा के चलते पांच सौ लोगों ने मुर्शिदाबाद छोड़ दिया था, और मालदा पहुंचकर एक स्कूल में शरण लिए हुए थे. लोगों का कहना है कि जो लोग हमला कर रहे हैं, वे काफी कम उम्र के हैं. हमला करने वालों में 15-17 साल के लड़के शामिल हैं.

हिंसा के दौरान पिता-पुत्र की हत्या के मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार भी किया गया है. जाफराबाद के रहने वाले गिरफ्तार दोनों शख्स भाई बताये गये हैं. एक को बीरभूम से, और दूसरे को बांग्लादेश सीमा के पास से गिरफ्तार किया गया है.

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पश्चिम बंगाल में हिंसा क्यों हुई?

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मुर्शिदाबाद हिंसा को लेकर कहा है कि कानून को हाथ में लेने वालों को बख्शेंगे नहीं. ममता बनर्जी का कहना है, हर शख्स को लोकतांत्रिक तरीके से शांति के साथ प्रदर्शन का अधिकार है, लेकिन कानून हाथ में लेने वालों की खैर नहीं है.

अपनी तरफ से ममता बनर्जी समझाने की कोशिश भी करती हैं, याद रखिये… जिस कानून के खिलाफ बहुत से लोग आंदोलन कर रहे हैं, वो हमने नहीं बनाया है… ये कानून केंद्र सरकार ने बनाया है… जो जवाब आप चाहते हैं, वो केंद्र सरकार से मांगा जाना चाहिये.

बात तो सही है. वक्फ कानून केंद्र सरकार ने बनाया है. बिल संसद में पास होकर कानून बना है - और ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस तो वक्फ बिल और कानून के खिलाफ खड़ी रही है. 

ममता बनर्जी वक्फ बिल के खिलाफ तो रही ही हैं, पश्चिम बंगाल में वक्फ कानून लागू नहीं करने का भी ऐलान किया है. 

ऐसी सूरत में पश्चिम बंगाल में वक्फ कानून के हिंसक विरोध का क्या मतलब है? 

आखिर बंगाल में वक्फ कानून के विरोध को कौन हवा दे रहा है? ममता बनर्जी तो सीएए और एनआरसी के खिलाफ भी खड़ी रही हैं, जिसका पूरे देश में विरोध हुआ था - लेकिन वक्फ कानून का पश्चिम बंगाल में हिंसक विरोध हो रहा है. 

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बंगाल में हिंसा के पीछे कौन

पश्चिम बंगाल की जगह अगर उन राज्यों में ऐसी हिंसा होती जिन्होंने सुप्रीम कोर्ट में वक्फ कानून के पक्ष में अपनी बात सुने जाने के लिए याचिका दाखिल की है, तो समझना मुश्किल नहीं होता, लेकिन ऐसे एनडीए या बीजेपी शासित राज्यों में पश्चिम बंगाल जैसी स्थिति तो देखने को नहीं ही मिली है - ये बात अलग है कि केंद्र सरकार वक्फ कानून के हिंसक विरोध को लेकर पहले से ही अलर्ट मोड में है. 

इस बीच, ममता बनर्जी के मुंह से हिंसा को लेकर उकसावे की बात भी सुनी गई है - और सवाल यही है कि क्या बंगाल में हिंसा को लेकर कोई उकसा रहा है?

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कहती हैं, अगर कोई आपको उकसाता है, तो शांति बनाये रखिये… जो उकसावे में नहीं आता है, वही असली विजेता होता है… धर्म सबसे बड़ा नहीं होता, सबसे बड़ी इंसानियत होती है. अगर आप लोगों से प्यार करते हैं, तो सबको जीत सकते हैं… लेकिन, खुद को अलग कर लेंगे तो किसी को नहीं जीत सकते… सरकार सबके साथ खड़ी है, पीड़ित चाहे कोई भी हो.

आखिर ममता बनर्जी किसकी तरफ इशारा कर रही हैं? वक्फ कानून के खिलाफ पश्चिम बंगाल में हिंसा के लिए कौन उकसा रहा है? और ये कौन लोग हैं जो उकसाने पर हिंसा कर रहे हैं?

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क्या ममता बनर्जी को मालूम हो चुका है कि हिंसा के लिए उकसाने वाले कौन हैं? या फिर महज शक के आधार पर ममता बनर्जी अपने राजनीतिक विरोधियों पर निशाना साध रही हैं?

चुनावों से पहले, चुनावों के दौरान और चुनावों के बाद पश्चिम बंगाल में हिंसक घटनायें होती रही हैं. अब तो ऐसा लगता है, जैसे बगैर हिंसा के चुनाव प्रक्रिया पश्चिम बंगाल में पूरी ही नहीं होने वाली है. 

कहीं ऐसा तो नहीं कि चुनावों के दौरान हिंसा फैलाने वाले ही मुर्शिदाबाद में उत्पात मचा रहे हैं? बेहतर तो यही होता कि ममता बनर्जी आगे आकर खुद साफ कर देतीं कि मुर्शिदाबाद हिंसा के पीछे कौन है?

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