ओपिनियन: पीएम मोदी 3.0 लिख रहा एक मजबूत, साहसी और उभरते भारत की शानदार कहानी

पीएम मोदी का यह कार्यकाल सिर्फ भाजपा नीत एनडीए सरकार की निरंतरता के बारे में नहीं है, बल्कि भारत की यात्रा में एक नई ऊंचाई को दर्शाता है. मोदी 3.0 संकल्प में दृढ़ है, काम करने में तेज है और महत्वाकांक्षा में और भी अजेय है.

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Pradeep Bhandari Opinion Pradeep Bhandari Opinion

प्रदीप भंडारी

  • नई दिल्ली,
  • 08 जून 2025,
  • अपडेटेड 1:35 PM IST

जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 9 जून, 2024 को अपने लगातार तीसरे कार्यकाल के लिए शपथ ली, तो उन्होंने न केवल इतिहास रच दिया- बल्कि पिछले एक दशक में विपक्ष द्वारा बनाए गए हर राजनीतिक मिथक को तोड़ दिया. कोविड के बाद दुनिया में जहां कोई भी बड़ा वैश्विक नेता सत्ता में वापस नहीं आ सका, मोदी न केवल विजयी हुए बल्कि अपराजित और अडिग भी रहे. ऐसे देश में जहां पिछले 50 सालों में कोई भी प्रधानमंत्री लगातार तीन कार्यकाल तक सफल नहीं रहा, लोगों ने एक बार फिर एक व्यक्ति पर पूरा भरोसा जताया- वह हैं नरेंद्र मोदी. मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में भारत की आंतरिक और बाहरी सुरक्षा में बड़ा बदलाव आया है. आतंकवाद पर डोजियर और डिप्लोमेटिक नोट्स के साथ प्रतिक्रिया देने के दिन अब खत्म हो गए हैं. 

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आज, आतंकवाद का जवाब सामरिक सटीकता और जबरदस्त ताकत से दिया जाता है. दुनिया ने देखा कि ऑपरेशन सिंदूर ने भारत के वार डॉक्ट्रिन (युद्ध का सिद्धांत) को कैसे नए सिरे से परिभाषित किया. भारत और अन्य देशों में गत 25 वर्षों से हुए आतंकी हमलों से जुड़े नौ सीमापार आतंकी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया गया, 100 से अधिक आतंकवादियों को मार गिराया गया. यह महज पहलगाम आतंकी हमले का प्रतिशोध नहीं था; यह भारत के वार डॉक्ट्रिन में एक स्पष्ट परिवर्तन था: भारत अब किसी भी आतंकवादी कृत्य को एक्ट ऑफ वार (युद्ध की कार्रवाई) मानता है. देश की युद्ध नीति में इस परिवर्तन को आकाशतीर जैसी स्वदेशी डिफेंस सिस्टम्स की तैनाती से और बल मिला, जो भारत की बढ़ती सैन्य आत्मनिर्भरता का प्रतीक है.

डिफेंस एक्सपोर्ट, जो 2013 में ₹686 करोड़ था, 2025 में ₹23,000 करोड़ से अधिक हो गया है. अब 90 से अधिक देश भारत की रक्षा तकनीक का लाभ उठा रहे हैं. भारत अब सिर्फ एक डिफेंडर नहीं बल्कि सुरक्षा का ग्लोबल सप्लायर बन गया है. इन सुरक्षा उपलब्धियों के साथ-साथ आर्थिक उपलब्धियां भी बढ़ी हैं. पिछली सरकारों ने 2047 के लिए जो वादा किया था, मोदी 3.0 ने उसे 2025 में पूरा कर दिया. भारत अब 4 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था है- दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था. यह साबित करता है कि दूरदर्शिता और दृढ़ संकल्प के साथ लक्ष्यों को तेजी और तय समयसीमा से पहले प्राप्त किया जा सकता है. 

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विदेशी मुद्रा भंडार बढ़कर 700 बिलियन डॉलर हो गया है, जो भारत की मजबूत वित्तीय स्थिति को दर्शाता है. परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) 10 महीने के उच्चतम स्तर पर है, जो मजबूत औद्योगिक विकास का संकेत देता है. आलोचकों को चौंका देने वाले और आम जनता को प्रसन्न करने वाले एक कदम में, सरकार ने ₹12 लाख तक की आय को कर मुक्त कर दिया- यह भारत के मध्यम वर्ग के लिए एक ऐतिहासिक राहत है. इस कदम ने कंजम्पशन, सेविंग्स और इंवेस्टमेंट में उछाल को बढ़ावा दिया. इस बढ़ती आर्थिक ताकत अभूतपूर्व राजनीतिक सफलता में तब्दील हो गई. एक के बाद एक राज्य में, भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए ने अपने पैर पसारते हुए, लंबे समय से चले आ रहे राजनीतिक गढ़ों को ध्वस्त किया और चुनावी इतिहास को फिर से लिखा- ये सभी चुनाव प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में लड़े और जीते गए.

महाराष्ट्र में भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन ने 79% से ज्यादा विधानसभा सीटें जीतीं, जिससे भारत के औद्योगिक केंद्र पर उसकी पकड़ मजबूत हुई. हरियाणा में भाजपा ने अभूतपूर्व जीत हासिल की और राज्य में लगातार तीसरी बार उसकी सरकार बनी. शायद सबसे प्रतीकात्मक सफलता दिल्ली में मिली, जहां भाजपा 27 साल बाद सत्ता में लौटी, जिसने लोकलुभावनवाद, मुफ्तखोरी और झूठे वादों पर बनी दशकों की राजनीति को खत्म कर दिया. ये जीतें अलग-अलग क्षेत्रीय जीत नहीं थीं- ये मोदी के नेतृत्व के लिए एकजुट राष्ट्रीय समर्थन था. ये चुनाव पीएम मोदी के नाम पर लड़े गए और लोगों ने बीजेपी को जीताकर उनमें अपने विश्वास को फिर से दोहराया.  

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मोदी सरकार ने हाल के इतिहास के कुछ सबसे विवादास्पद विधेयकों को संसद के दोनों सदनों में पूर्ण अधिकार के साथ और बिना किसी व्यवधान के पारित करके राजनीतिक ताकत का भी प्रदर्शन किया है. वक्फ संशोधन विधेयक, जिसे लंबे समय से राजनीतिक तुष्टिकरण की परतों के नीचे दबा दिया गया था, को उपेक्षित मुस्लिम संप्रदायों, विशेष रूप से मुस्लिम महिलाओं को भूमि अधिकार और सम्मान बहाल करने के लिए निर्णायक रूप से लागू किया गया, जिससे दशकों से चली आ रही नाइंसाफी खत्म हुई. जनगणना के साथ-साथ राष्ट्रव्यापी जाति जनगणना की साहसिक घोषणा के साथ, मोदी 3.0 ने यथास्थिति को तोड़ दिया. पिछली सरकारों ने जाति जनगणना को केवल वोट बैंक के एक हथकंडे के रूप में इस्तेमाल किया था. इस सरकार ने विभाजनकारी राजनीति से आगे बढ़ते हुए कास्ट सेंसस को डेटा-ड्रिवन गवर्नेंस, एविडेंस-बेस्ड पॉलिसी मेकिंग और सच्चे सोशल एम्पावरमेंट के लिए एक शक्तिशाली साधन के रूप में अपनाया. 

दीर्घकालिक सुधार की दिशा में एक बड़ा कदम तब उठाया गया जब मंत्रिमंडल ने लंबे समय से लंबित एक राष्ट्र, एक चुनाव प्रस्ताव को मंजूरी दे दी. लंबे समय से लंबित यह सुधार नीतिगत गतिरोध को खत्म करने, चुनाव लागत को कम करने और देश भर में सुचारू शासन सुनिश्चित करने का वादा करता है. केवल राजनीतिक इच्छाशक्ति और दीर्घकालिक दृष्टि वाली सरकार ही इसे आगे बढ़ा सकती है. भारत की आंतरिक सुरक्षा की कहानी भी कम उल्लेखनीय नहीं है. कभी वामपंथी उग्रवाद के गढ़ के रूप में बदनाम बस्तर अब नक्सली आतंक से लगभग मुक्त हो चुका है. सटीक ऑपरेशन, विकास और समावेशी शासन के संयोजन के माध्यम से सरकार ने रेड कॉरिडोर की रीढ़ तोड़ दी है. भारत को पूरी तरह से नक्सल मुक्त बनाने का वादा अब नारा नहीं रहा- यह तेजी से हकीकत बनता जा रहा है. अप्रैल 2018 में वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित जिलों की संख्या 126 से घटकर 90, जुलाई 2021 में 70 और अप्रैल-2024 में 38 रह गई. कुल नक्सलवाद प्रभावित जिलों में से सबसे अधिक प्रभावित जिलों की संख्या 12 से घटकर 6 रह गई है.

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बुनियादी ढांचा परियोजनाएं भी बदलाव की कहानी बयां करती हैं. रणनीतिक वधावन बंदरगाह से लेकर महत्वाकांक्षी पोलावरम परियोजना तक, दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल चेनाब ब्रिज के इंजीनियरिंग चमत्कार से लेकर सीमा संपर्क को बढ़ाने वाली जेड-मोड़ सुरंग तक, भारत आजादी के बाद सबसे बड़ी और सबसे एकीकृत बुनियादी ढांचा क्रांति देख रहा है. ये महज निर्माण प्रयास नहीं हैं- ये राष्ट्र निर्माण में मील के पत्थर हैं. पीएम मोदी का यह कार्यकाल सिर्फ भाजपा नीत एनडीए सरकार की निरंतरता के बारे में नहीं है, बल्कि भारत की यात्रा में एक नई ऊंचाई को दर्शाता है. मोदी 3.0 संकल्प में दृढ़ है, काम करने में तेज है और महत्वाकांक्षा में और भी अजेय है. बेजोड़ राजनीतिक पूंजी, वैश्विक विश्वसनीयता और लोगों के अटूट भरोसे के साथ, यह सरकार शासन के नियमों को फिर से लिख रही है, राष्ट्रीय सुरक्षा को फिर से परिभाषित कर रही है और भारत के भविष्य की फिर से कल्पना कर रही है.

कुछ विपक्षी नेता कह रहे थे कि मोदी 3.0 उनके पिछले कार्यकाल की गति से मेल नहीं खाएगा. लेकिन पीएम मोदी 3.0 सरकार एक मजबूत, साहसी, उभरते भारत के लिए एक शानदार जनादेश के रूप में सामने आई है, जिसने विपक्षी नेताओं को गलत साबित कर दिया है. साहसिक सुधारों और एक नए राष्ट्रीय एजेंडे के साथ, प्रधानमंत्री मोदी का यह तीसरा कार्यकाल न केवल पिछले दो कार्यकाल की विरासत को जारी रखे हुए है बल्कि इसे गति दे रहा है, जो उनके नेतृत्व में लोगों के स्थायी विश्वास की पुष्टि करता है. 

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