केजरीवाल और हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद ज्यादा मजबूती से खड़ा होगा विपक्ष, या BJP में शामिल होने की लगेगी होड़, ऐसे समझिए

दो ही विकल्प नजर आ रहे हैं. पहला ये कि या तो I.N.D.I.A गठबंधन में शामिल अलग-अलग पार्टी के नेता भाजपा में शामिल हो जाएंगे या फिर वो अपनी पार्टी की विचारधारा के साथ खड़े रहेंगे और विपक्ष को और ज्यादा मजबूती देंगे. क्योंकि अब एजेंसियों का डर सभी नेताओं को सताएगा.

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अरविंद केजरीवाल और हेमंत सोरेन-फाइल फोटो अरविंद केजरीवाल और हेमंत सोरेन-फाइल फोटो

नितेश कुमार तिवारी

  • नई दिल्ली,
  • 22 मार्च 2024,
  • अपडेटेड 10:15 PM IST

पहले वे आए कम्युनिस्टों के लिए
और मैं कुछ नहीं बोला
क्योंकि मैं कम्युनिस्ट नहीं था.
फिर वे आये ट्रेड यूनियन वालों के लिए
और मैं कुछ नहीं बोला
क्योंकि मैं ट्रेड यूनियन में नहीं था.

फिर वे आये यहूदियों के लिए
और मैं कुछ नहीं बोला
क्योंकि मैं यहूदी नहीं था.

फिर वे मेरे लिए आये
और तब तक कोई नहीं बचा था
जो मेरे लिए बोलता.
मार्टिन निमोलर

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दिल्ली के कथित शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद लगता है विपक्ष मार्टिन निमोलर (Martin Niemöller) की कविता को फॉलो करने लगा है. मार्टिन निमोलर की कविता का लब्बोलुआब यही है कि अगर समय रहते आपने दूसरे के लिए आवाज नहीं उठाई तो आने वाले वक्त में आपके लिए भी बोलने के लिए कोई नहीं बचेगा. एक के बाद एक दो मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद विपक्ष को ये लगने लगा है कि अब आवाज उठाने का समय आ गया है और अगर अब नहीं बोला गया तो आने वाले वक़्त में शायद उनके लिए बोलने वाला भी कोई दूसरा न बचे. यहां लड़ाई खुद के सर्वाइवल, खुद के आस्तित्व पर भी आ गई है.

केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद विपक्ष पहले से ज्यादा एकजुट दिख रहा है और ED, CBI, इनकम टैक्स द्वारा की जा रही कार्रवाई को नरेंद्र मोदी सरकार का डर बताकर विरोध जता रहा है. केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद कांग्रेस के ऐसे नेता भी दिल्ली के सीएम के लिए एकजुट हो गए हैं जो कभी अरविंद केजरीवाल का विरोध करते नहीं थकते थे. ऐसे नामों की फेहरिश्त बहुत लंबी है. I.N.D.I.A गठबंधन बनने से पहले जो नेता केजरीवाल की मुखालफत करते थे, वे सभी आज दिल्ली के मुख्यमंत्री के लिए बोल रहे हैं. क्योंकि, अब विपक्ष के नेताओं को ये लगने लगा है कि अगर आज नहीं बोला गया तो शायद कल उनके लिए भी कोई न बोल पाए.

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फैज अहमद फैज ने भी तो कहा था...
बोल कि लब आज़ाद हैं तेरे
बोल ज़बाँ अब तक तेरी है

केजरीवाल और सोरेन की गिरफ्तारी से विपक्ष के पास क्या मैसेज गया?
दो राज्यों के सीएम सोरेन हेमंत और केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद देश में विपक्ष को अब समझ आने लगा है कि करप्शन पर मोदी सरकार थोड़ी भी गुंजाइश नहीं छोड़ने वाली. विपक्ष के नेताओं के पास इस बात का संदेश चला गया है कि जब CM तक नहीं बच पा रहे फिर सांसद, विधायकों की गलती पर उन्हें भी नहीं बख्शा जाएगा. ऐसे में विपक्ष के नेताओं को ये लगने लगेगा कि अगर उन्होंने बीते समय में भ्रष्टाचार किया है तो वे भी एजेंसी की रडार पर आ सकते हैं. क्योंकि ऐसा देखा जा रहा है कि हाल-फिलहाल के समय में ED और CBI ने विपक्ष के कई नेताओं के घर छापा मारा है. इसमें बिहार में RJD के विधायक के घर ED की छापेमारी सबसे ताजा मिसाल है. 

तब सवाल उठता है कि विपक्ष के नेता क्या करेंगे? इसका जवाब है, दो ही विकल्प नजर आ रहे हैं. पहला ये कि या तो I.N.D.I.A गठबंधन में शामिल अलग-अलग पार्टी के नेता भाजपा में शामिल हो जाएंगे या फिर वो अपनी पार्टी की विचारधारा के साथ खड़े रहेंगे और विपक्ष को और ज्यादा मजबूती देंगे. क्योंकि अब एजेंसियों का डर सभी नेताओं को सताएगा.

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अरविंद केजरीवाल-फाइल फोटो

वैसे भी विपक्ष अक्सर ये आरोप लगाता रहा है कि एजेंसियों की छापेमारी के बाद जो भी नेता भाजपा में शामिल होता है उसके ऊपर लगे सारे आरोप खत्म हो जाते हैं. विपक्ष BJP को वाशिंग मशीन बताता रहा है. विपक्ष का अक्सर ये आरोप रहता है कि BJP में शामिल होने के बाद आरोपी नेता पाक-साफ हो जाते हैं. विपक्ष महाराष्ट्र, कर्नाटक, असम के नेताओं का जिक्र प्रायः करता रहता है. जो पहले बीजेपी में थे और बाद में भाजपा में शामिल होने के बाद उनके ऊपर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है. विपक्ष का यह भी आरोप है कि PMLA कानून में ऐसे संसोधन कर दिए गए हैं, जिससे कि किसी भी नेता को लंबे समय तक जेल में रखा जा सकता है. 

I.N.D.I.A गठबंधन के नेताओं का ये आरोप है कि मोदी सरकार देश से विपक्ष को खत्म करना चाहती है और इसलिए चुन-चुन कर कार्रवाई हो रही है. आम आदमी पार्टी का कहना है कि उनके जितने भी नेता गिरफ्तार किए गए हैं उनमें से किसी के भी पास से कोई चन्नी रिकवर नहीं हुई है. जांच चल रही है फिर भी नेता जेल में हैं. आप का कहना है कि अब तक किसी पर भी कोई दोष सिद्ध नहीं हुआ है.

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CM केजरीवाल को गुरुवार को ED ने गिरफ्तार कर लिया था

अपने वोटरों को साधना चाहती हैं विपक्षी पार्टियां
विपक्षी नेताओं पर एजेंसियों की कार्रवाई का विरोध करके गठबंधन में शामिल पार्टियां अपने वोटरों को साधना चाहती हैं. उन्हें ये डर है कि अगर कार्रवाई को चुपचाप सहते रहा जाए तो वोटर को कहीं ऐसा न लगे कि जो कार्रवाई हो रही है वह सही है और उनका वोटर भाजपा के पास खिसक जाएगा. इसलिए विरोध के जरिए ये बताने की कोशिश रहेगी कि केंद्र सरकार गलत तरीके से विपक्ष को टारगेट कर रही है और हम विक्टिम हैं. 

आज तमिलनाडू में DMK के कार्यकर्ताओं ने भी केजरीवाल पर हुई कार्रवाई का विरोध किया और सड़क पर उतर कर नारेबाजी करने लगे. इसका मतलब साफ है कि जहां, जहां क्षत्रप हैं वहां-वहां वह अपने कैडर को मैसेज देना चाहते हैं. केजरीवाल के साथ आज सबसे मजबूती से कांग्रेस खड़ी है, जिसके खिलाफ करप्शन का बिगुल फूंक-कर आम आदमी पार्टी सत्ता में आई थी. ED, CBI, इनकम टैक्स द्वारा की गई कार्रवाई से विपक्ष एकमंच पर आ गया है. 

क्षत्रपों के सामने अपनी सियासी जमीन बचाने की चुनौती
मौजूदा समय की सियासत में क्षत्रपों के पास अपनी सियासी जमीन बचाने की चुनौती आ गई है. इंडिया गठबंधन में शामिल होने के बाद भी कई राज्यों की पार्टियां अपना सियासी भविष्य तलाश रही हैं. इंडिया गठबंधन में ऐसी पार्टियां भी शामिल हैं जो पूरी तरह से गठबंधन के साथ हैं, जबकि कुछ पार्टियां ऐसी भी हैं जो गठबंधन में साथ तो हैं लेकिन राज्य में अपनी सियासी जमीन बचाकर रखना चाहती हैं.

 

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फोटो-PTI

एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगा चुनाव आयोग पहुंचा इंडिया गठबंधन
अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के खिलाफ इंडिया गठबंधन शुक्रवार को चुनाव आयोग पहुंचा. गठबंधन ने चुनाव आयोग में ज्ञापन दिया और शिकायत दर्ज कराई. इंडिया गठबंधन ने ED की कार्रवाई को गैरकानूनी बताया. विपक्षी गठबंधन के नेताओं का कहना है कि जो भी नेता PM मोदी के खिलाफ खुलकर बोलता है उसके खिलाफ किसी न किसी रूप में कार्रवाई की जाती है या उसे परेशान किया जाता है. तो क्या एक के बाद एक नेताओं पर कार्रवाई के बाद विपक्ष चुप हो जाएगा या और मुखर होगा? अपने सर्वाइवल के लिए विपक्ष ने बोलना उचित समझा है और वह बोल रहा है. इसका कितना फायदा चुनाव में मिलेगा ये आने वाला वक्त बताएगा.

कथित शराब घोटाले में अब तक कौन-कौन हुआ गिरफ्तार
कथित शराब घोटाले में बड़े नामों में मनीष सिसोदिया, संजय सिंह, अरविंद केजरीवाल को ED ने गिरफ्तार किया है. इसके अलावा विजय नायर, (साउथ ग्रुप के सदस्य) समीर महेंद्रू,  (इंडोस्पिरिट के मालिक) अमित अरोड़ा, (बड्डी रिटेल के मालिक) राघव मांगुटा, (साउथ ग्रुप के सदस्य) पी शरत रेड्डी, (अरविंदो ग्रुप के प्रमोटर) अभिषेक बोनपल्ली, (साउथ ग्रुप के सदस्य)  बुचीबाबू गोरांटला, (के कविता के पूर्व CA) विनाय बाबू, (रिकॉर्ड इंडिया के पूर्व क्षेत्रीय प्रमुख) गौतम मल्होत्रा (अकाली दल के पूर्व MLA का बेटा) और राजेश जोशी, डायरेक्टर, चैरियट प्रोडक्शन को ED ने गिरफ्तार किया है.

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