facebook पर खोजा भाड़े के हत्यारा, बिहार से मिला; ये है एक पिता के मर्डर की पूरी कहानी

मध्यप्रदेश के शिवपुरी में पुलिस ने एक बेटे को अपने पिता की सुपारी देकर हत्या करवाने के आरोप में गिरफ्तार किया है. बेटे ने सोशल मीडिया की मदद से बिहार में रहने वाले सुपारी किलर से संपर्क साधा था. हत्या की जांच के दौरान शुरुआत में आरोपी पुलिस को गुमराह करता रहा, लेकिन जब उसका मोबाइल का खंगाला गया तो सारे मामले का खुलासा हो गया.

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आरोपी से पूछताछ करते पुलिस अधिकारी. आरोपी से पूछताछ करते पुलिस अधिकारी.

aajtak.in

  • शिवपुरी,
  • 26 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 8:03 AM IST

मध्यप्रदेश के शिवपुरी जिले में पुलिस ने एक कलयुगी बेटे को अपने पिता की सुपारी देकर हत्या करवाने के आरोप में गिरफ्तार किया है. आरोपी ने फेसबुक और गूगल के जरिए बिहार में रहने वाले सुपारी किलर से संपर्क साधा था. फिर 21-22 जुलाई की दरमियानी रात आरोपियों को घर बुलाकर पिता का मर्डर करवा दिया. इस मामले में पुलिस ने आरोपी बेटे और बिहार के भाड़े के हत्यारे सहित 3 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है.

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जिले के पुलिस अधीक्षक (SP) राजेश सिंह चंदेल ने बताया, पिछोर के नगरिया मोहल्ले में 21-22 जुलाई की दरमियानी रात महेश गुप्ता नामक शख्स की सिर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस मामले में अज्ञात के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच की तो महेश का बेटा अंकित गुप्ता संदेह के दायरे में आया, जो घटना के समय घर के नीचे की मंजिल पर सो रहा था. उन्होंने कहा कि पुलिस ने जब अंकित से सख्ती से पूछताछ की तो उसने बताया कि उसने ही बिहार से गैंगस्टर बुलाकर अपने पिता का मर्डर करवाया था.

एसपी ने बताया, इस मामले में पुलिस ने 3 आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके पास से इस हत्या में इस्तेमाल 315 बोर का कट्टा और दो कारतूस जब्त किए हैं. गिरफ्तार किए गए आरोपियों में अंकित (32), अंकित का दोस्त नितिन लोधी और गैंगस्टर अजीत सिंह शामिल हैं. 

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1 करोड़ रुपए पर थी नजर

दरअसल, महेश की पत्नी की मौत करीब 20 साल पहले हो चुकी थी. उसका एक बेटे अनिल गुप्ता सेना में था, जिसने 2 साल पहले फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली थी. बेटे की मौत के बाद पिता को करीब एक करोड़ रुपए सेना की तरफ से मिले थे और 20 हजार रुपए पारिवारिक पेंशन भी मिलती थी.

बेटे की हरकतों से नाराज थे पिता 

पुलिस अधिकारी के मुताबिक, मृतक महेश का छोटा बेटा अंकित बचपन से ही आपराधिक प्रवृत्ति का है. साथ ही वह शराब बेचने, पीने, जुआ-सट्टा खेलने और चोरी करने का आदी है. अंकित की इस हरकत से पिता नाराज रहते थे और उसे पैसे नहीं देते थे.

फेसबुक पर ढूंढे सुपारी किलर

एसपी ने बताया कि पिता से पैसे न मिलने से नाराज बेटे अंकित ने गूगल और फेसबुक पर देशभर के गैंगस्टर, बदमाश लोगों के ग्रुप सर्च किए. उसने बिहार के 'अजीत किंग ग्रुप'  से अपने पिता के अपहरण और हत्या के लिए संपर्क किया. इस साजिश में उसके दोस्त नितिन लोधी ने भी अहम भूमिका निभाई.

10 हजार एडवांस दिए 

इसके बाद अंकित और नितिन ने सुपारी किलर अजीत को बुलाने के लिए उसके खाते में 10 हजार रुपए डाल दिए. तय बातचीत के अनुसार 12 जुलाई को अजीत को झांसी रेलवे स्टेशन बुलाया गया और फिर दोनों उसे लेकर शिवपुरी जिले के लभेड़ा तिराहा पहुंचे और वहां उसके रुकने का इंतजाम किया.

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दोस्त ने भी दिया साथ 

एसपी चंदेल ने आगे बताया कि अंकित ने अपने पिता की हत्या की साजिश रची. उसके दोस्त लोधी ने एक 315 बोर का कट्टा लाकर गैंगस्टर अजीत को दिया और मृतक के घर की लोकेशन दिखाई. 

सिर में गोली मारी

21-22 जुलाई की रात अंकित ने अपनी पत्नी-बच्ची को दूसरे कमरे में सुला दिया और खुद दूसरे कमरे में सो गया. उसके पिता महेश तीसरी मंजिल पर सो रहे थे, तो अंकित ने करीब 2 बजे गैंगस्टर को अपने घर बुला लिया. फिर दबे पांव तीसरे मंजिल के कमरे में ले गया. जहां गैंगस्टर ने बुजुर्ग के सिर में गोली मार दी, जिससे उसकी मौत हो गई. इसके बाद अंकित ने गैंगस्टर को रात में ही घर से निकालकर घर का ताला लगा दिया. वहीं, जब गोली की आवाज सुनकर अंकित की पत्नी उठकर आई तो वह अपने कमरे के बाहर खड़ा हो गया, और पत्नी से बोला कि यह आसमानी बिजली कड़कने की आवाज है. 

गूगल हिस्ट्री से खुला राज

पुलिस ने बताया कि सुबह आरोपी ने अपने पिता के मर्डर की जानकारी पुलिस और रिश्तेदारों को दी. मृतक के बेटे ने लोगों को बताया कि अज्ञात आदमी पिता को गोली मारकर चला गया. इस मामले में छानबीन के बाद पुलिस ने सायबर सेल से मिली लोकेशन के आधार पर गैंगस्टर अजीत को गोरखपुर से गिरफ्तार किया, जबकि अंकित और लोधी को पिछोर से गिरफ्तार कर लिया.

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